किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में पाकिस्तानी छात्रों के साथ मारपीट के बाद पाकिस्तान ने वहां से अपने स्टूडेंट्स को निकालना शुरू कर दिया है। विदेश मंत्री इशाक डार ने बताया कि रविवार को 3 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए करीब 540 छात्रों को वापस लाया जाएगा।
लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डार ने कहा, "शनिवार को 130 स्टूडेंट किर्गिस्तान से लौट चुके हैं। सरकार एयरफोर्स के साथ भी संपर्क में है। किर्गिस्तान में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास के जरिए छात्रों को फ्लाइट की जानकारी दे दी गई है। हालांकि, अब तक करीब 50 छात्रों ने ही लौटने की इच्छा जताई है।"
दूसरी तरफ, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा से डरे भारतीय छात्रों ने भी देश लौटने की इच्छा जताई है। भारत के करीब 15 हजार छात्र पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान गए हुए हैं।
किर्गिस्तान बोला- यहां न आएं पाकिस्तान के मंत्री
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री इशाक डार को किर्गिस्तान जाने को कहा है। हालांकि, उनकी यात्रा का शेड्यूल फिलहाल तय नहीं हुआ है। डार के मुताबिक, किर्गिस्तान की सरकार ने उन्हें वहां न आकर उन पर भरोसा करने की अपील की है।
डॉन न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार इस वक्त किर्गिस्तान में मौजूद सभी छात्रों और उनके परिवार के संपर्क में है। इसके अलावा पाकिस्तान ने अपने नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल ID भी जारी की है।
मिस्र के छात्रों से लड़ाई के बाद निशाने पर विदेशी स्टूडेंट्स
दरअसल, किर्गिस्तान में 17 मई को भारतीय-पाकिस्तानी छात्रों से मारपीट की गई थी। स्थानीय छात्र उन हॉस्टल्स में घुस गए थे, जहां भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्र रह रहे थे। इस दौरान 5 पाकिस्तानी स्टूडेंट्स घायल हुए थे।
मीडिया रिपोर्टे्स के मुताबिक बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद स्थानीय किर्गिज छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी छात्रों को निशाने पर ले लिया। दरअसल, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं।
किर्गिस्तान में पाकिस्तान के 17 हजार स्टूडेंट्स
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बिश्केक में 11 हजार पाकिस्तानी छात्र पढ़ने गए हैं, जबकि करीब 6 हजार छात्र किर्गिस्तान के दूसरे शहरों में है। ये सभी अलग-अलग संस्थाओं से पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि हाल ही में हुई हिंसा में कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स को निशाना बनाया गया। इससे साबित होता है कि हिंसा का पाकिस्तानी छात्रों से लेनादेना नहीं है।
इससे पहले शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने भी छात्रों से हॉस्टल से बाहर निकलने को मना किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था कि वे पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दूतावास ने 24×7 इमरजेंसी नंबर 0555710041 जारी किया था।