नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया से लगे अपने बॉर्डर को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की है। तानाशाह किम जोंग की सेना ने मंगलवार को बताया कि वह साउथ कोरिया जाने वाली सभी सड़कों और रेलवे लाइन को बंद कर देगी।
इसके अलावा सीमा से सटे इलाकों में किलेबंदी भी की जाएगी। नॉर्थ कोरिया के मीडिया हाउस KCNA के मुताबिक, कोरियन पीपुल्स आर्मी ने कहा है कि यह फैसला साउथ कोरिया और अमेरिका के युद्धभ्यासों को देखकर लिया गया।
दरअसल, पिछले 1 साल में अमेरिका ने कोरियन पेनिनसुला में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर, सैन्य जहाज, लॉन्ग रेंज बॉम्बर्स और पनडुब्बियां भेजी हैं, जिससे नॉर्थ कोरिया नाराज है।
जनवरी से सीमा बंद करने की तैयारी कर रहा नॉर्थ कोरिया
साउथ कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाले UN कमांड फोर्स को इसकी जानकारी दे दी है, जिससे इलाके में किसी भी तरह के टकराव की स्थिति न बने। यह फोर्स नॉर्थ-साउथ कोरिया के बीच डीमिलिट्रलाइज्ड जोन (DMZ) को मैनेज करती है।
इससे पहले साउथ कोरियाई मिलिट्री ने बताया था कि किम जोंग की सेना जनवरी से ही सीमा पर लैंड माइंस बिछा रही है। इसके अलावा एंटी-टैंक ट्रैप्स भी लगाए गए हैं और ज्यादातर रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को हटाया जा चुका है। जून में बॉर्डर पर मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का काम कर रहे कई सैनिकों की लैंडमाइन विस्फोट में मौत हो गई थी।
नॉर्थ कोरिया के इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। नॉर्थ और साउथ कोरिया ने इससे पहले सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद 1950-53 तक जंग लड़ी थी।
जापान के हटने के बाद 2 हिस्सों में बंटा था कोरिया
कोरिया एक पेनिनसुला है यानी 3 तरफ समुद्र से घिरा और एक तरफ मेनलैंड से जुड़ा टापू। यहां 1904 तक कोरियाई साम्राज्य का शासन था। इस पर कब्जे के लिए 1904-05 में जापान और चीन के बीच भीषण युद्ध हुआ। जापान ने जीत दर्ज की और कोरिया पर कब्जा जमा लिया। 1945 में सेकेंड वर्ल्ड वॉर में हार के बाद जापान को कोरिया छोड़ना पड़ा।
जापान के हटते ही कोरिया को दो हिस्सों में बांट दिया गया। 38 पैरलल लाइन को बंटवारे की लकीर मान लिया गया। उत्तरी हिस्से में सोवियत सेना और दक्षिणी हिस्से में संयुक्त राष्ट्र की सेना लगाई गई।
नॉर्थ कोरिया में कोरियाई कम्युनिस्टों के नेतृत्व में कोरियाई लोक जनवादी गणराज्य की सरकार बनी। साउथ में लोकतांत्रिक तरीके से नेता सिंगमन री के नेतृत्व में सरकार बनी। नॉर्थ का झुकाव कम्युनिस्ट विचारधारा की तरफ था, जबकि साउथ पूंजीवादी देशों की तरफ झुकाव वाला था। यहीं से विवाद शुरू हुआ।
नॉर्थ कोरिया ने 25 जून 1950 को 38 पैरलल लाइन पार कर साउथ कोरिया पर हमला कर दिया। 3 साल तक चली जंग के बाद नॉर्थ और साउथ कोरिया ने 1953 में युद्धविराम पर साइन किए। एक बार फिर से सीमा वही 38 पैरलल तय हुई जो जंग से पहले थी।