अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने गुरुवार को इजराइली PM नेतन्याहू पर गाजा में सीजफायर का दबाव बनाया। रॉयटर्स के मुताबिक, एक टीवी स्टेटमेंट में हैरिस ने कहा कि अब जंग खत्म करने का समय आ गया है। मैं अब चुप नहीं बैठूंगी।
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी नेतन्याहू से सीजफायर के लिए सभी अड़चनों को दूर करने की बात कही। साथ ही गाजा में मदद पहुंचाने में आ रही दिक्कतों को भी हटाने पर चर्चा की। मुलाकात में नेतन्याहू ने बाइडेन को इजराइल को दिए सपोर्ट के लिए धन्यवाद कहा।
प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि दोनों नेताओं ने बंधकों की रिहाई, लेबनान तक जंग पहुंचने की आशंका, ईरान के खतरे और सीजफायर पर चर्चा की। किर्बी ने कहा कि अमेरिका-इजराइल के संबंधों में मतभेद हैं, लेकिन इसके बावजूद ये अच्छे हैं।
'फिलिस्तीनियों की तकलीफ खत्म होनी चाहिए'
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की नेतन्याहू से मुलाकात उनके ऑफिस में हुई। CNN के मुताबिक, दोनों नेताओं ने युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, इजराइल के अस्तित्व और उसकी सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
कमला ने कहा कि अब समय आ गया है कि युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का समझौता किया जाए। सीजफायर के तहत इजराइलियों की सुरक्षा, सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में फिलिस्तीनियों की तकलीफ खत्म होनी चाहिए।
इसके अलावा कमला हैरिस ने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच तनाव खत्म करने के लिए 2-स्टेट सॉल्यूशन का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इसी के जरिए इजराइल एक सुरक्षित यहूदी देश बन सकता है। साथ ही फिलिस्तीनी भी सुरक्षा और आजादी के साथ आगे बढ़ सकेंगे।
कमला बोलीं- गाजा में जो हो रहा उस पर आंखें नहीं मूंद सकते
हैरिस ने इजराइल के अपनी रक्षा करने के अधिकार का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीनों में गाजा में जो कुछ हुआ है, वह विनाशकारी है। हम इसके सामने आंखें नहीं मूंद सकते। मैं चुप नहीं रहूंगी।
बैठक के बाद नेतन्याहू और बाइडेन ने व्हाइट हाउस के एक कमरे में गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों के परिवारों से भी मुलाकात की। हैरिस के बाद अब 26 जुलाई को नेतन्याहू अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे। यह मुलाकात फ्लोरिडा में ट्रम्प के घर मार-ए-लागो में होगी।
नेतन्याहू के लिए बेहद अहम है ये दौरा
इजराइली पीएम नेतन्याहू का ये दौरा उनके लिए काफी अहम माना जा रहा है। NYT की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में लंबे समय से चल रहे लड़ाई और बंधक बनाए गए लोगों को वापस न ला पाने की वजह से नेतन्याहू को अपने ही देश में काफी गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, गाजा में 39 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं इस वजह से दुनिया भर में नेतन्याहू की आलोचना हो रही है।
नेतन्याहू ने अमेरिका से और हथियार मांगे
इससे पहले नेतन्याहू ने अमेरिका दौरे पर बुधवार को चौथी बार अमेरिकी संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित किया था। ऐसा करने वाले एक एकमात्र विदेशी नेता बने। नेतन्याहू ने करीब 52 मिनट का भाषण दिया। अपने संबोधन के दौरान नेतन्याहू ने ईरान पर जमकर निशाना साधा था।
नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग को जल्द खत्म करने के लिए अमेरिका से और हथियार मांगे हैं। नेतन्याहू के संबोधन से पहले बुधवार को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे।