भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जीवन चरित्र भारतीय, सनातन, साँस्कृतिक ज्ञान परंपराओं से ओत-प्रोत रहा है।महात्मा गांधी ने स्वयं ही कहा था कि गांधीवाद या गाँधी दर्शन कुछ नहीं है।मैंने जो भी सीखा है,भारत से सीखा है।उन्होंने जैन आचार्य श्रीमद राजचंद्र महाराज को गुरु रूप में अंगीकार किया और समय-समय पर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते रहे।महात्मा गांधी के जीवन में भारतीय मूल्यों का प्रभाव रहा।उनका जीवन स्वावलंबी,स्वदेशी,स्वच्छता, सत्याग्रह, अहिंसा,त्याग,धैर्य, करुणा, अस्पृश्यता उन्मूलन, सहिष्णुता आदि गुणों से आच्छादित रहा है।विद्वानों ने उनके इन्हीं चारित्रिक गुणों को गांधीवाद अथवा गांधी दर्शन की संज्ञा दी है। अहिंसा,सत्य, उपवास(अनशन) का जीवंत प्रयोग कर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय समाज में जन चेतना का संचार किया।भारतीय जनमानस में एकता के भाव को सशक्त रूप से संचरित किया।यद्यपि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अनेक वीर सपूतों,अनचिह्नित नायकों का योगदान भी रहा है।महात्मा गांधी का योगदान भी अप्रतिम है।यही कारण है कि भारत ही नहीं अपितु अखिल विश्व में महात्मा गांधी को सम्मान प्राप्त है।विश्व के सभी देश उनसे प्रेरणा लेते हैं।उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं।उनके नाम से अनेक रोड,स्मारक,भवन,संस्थान आदि विश्व में हैं।अमेरिका के महानतम समाज सुधारक मार्टिन लूथर किंग जूनियर भी महात्मा गांधी के जीवन चरित्र से प्रेरणा पाकर रंगभेद उन्मूलन के महायज्ञ में डटे रहे।मार्टिन लूथर ने नस्लीय भेदभाव को समाप्त किया। अमेरिकी संसद में 2019 में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के कृतित्व के प्रचार-प्रसार का बिल भी प्रस्तुत किया गया है।सापेक्षता का सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से अत्यंत प्रभावित रहे हैं। उनका कथन है कि आने वाले 1000 वर्षों तक भी संपूर्ण विश्व का जनमानस महात्मा गांधी पर आश्चर्य करेगा कि किस प्रकार से एक हाड़-मांस से बने एक सामान्य पुरुष ने स्वतंत्रता आंदोलन के महायज्ञ में अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया।दक्षिण अफ्रीका में भी रंगभेद और नागरिक समानता के लिए महान संघर्षवादी,प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला जो भारत रत्न से अलंकृत होने वाले प्रथम विदेशी नागरिक हैं।नेल्सन मंडेला भी महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरणा पाते रहे हैं।महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं।
महात्मा गांधी के जीवन चरित्र में समाहित विभिन्न गुणों को वास्तविक रूप से अपने जीवन में उतारने और संवाहित करने वाले व्यक्तित्व में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अग्रणी हैं।गाँधी दर्शन,गांधीवाद के विश्वदूत नरेंद्र मोदी हैं।यह भी संयोग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुझे सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर फालो करते हैं।
स्वच्छता के प्रबल समर्थक नरेन्द्र मोदी
महात्मा गांधी स्वच्छता पर अत्यधिक बल देते थे। उनका अभिमत था कि स्वच्छता से आरोग्य प्राप्त होता है।व्यक्ति अनेकों व्याधियों से सुरक्षित रहता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता सत्याग्रह के माध्यम से भारत की जनता को सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने के प्रति जागरूक किया।वर्ष 2014 में महात्मा गांधी की जन्म जयंती पर स्वच्छता अभियान को प्रारंभ किया। संपूर्ण भारत में स्वच्छता का स्तर बढ़ा है।हर शहर,कस्बा,गांव साफ सुथरा दिख रहा है।नगरों को स्वच्छता प्रतिस्पर्धा में पुरस्कार भी प्राप्त हो रहे हैं। रेटिंग हो रही है।मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को छह बार प्रथम स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मध्य प्रदेश के भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानी का गौरव प्राप्त हुआ है। साढ़े चार लाख गांव खुले में शौच (ओडीएफ) से मुक्त हो गए हैं। 11 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर व्यक्ति के जीवन में स्वच्छता के स्तर को आवर्धित किया है। देश में 4 करोड़ से अधिक प्रधानमंत्री आवास प्रदान कर स्वच्छता के स्तर को बढ़ाया है।9 वर्षों में ही धुआं रहित ईंधन के रूप में एलपीजी गैस कनेक्शंस की व्यापकता को 55 प्रतिशत से बढ़ा करके 100 प्रतिशत कर दिया है ।नौ वर्ष में गैस कनेक्शंस 14 करोड़ से बढ़कर 32 करोड़ हो गए।निर्धन महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से साढ़े नौ करोड़ गैस सिलेंडर वितरित किए हैं।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदेश की उज्जवला बहनों को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत गैस सिलेंडर 450 रुपए के मूल्य पर प्रदान किए जा रहे हैं।महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।धुएं से राहत मिली है।भोजन निर्माण का समय भी कम हुआ है।महिलाओं की रचना धर्मिता में वृद्धि हुई है।
स्वदेशी के प्रवर्तक नरेन्द्र मोदी
महात्मा गांधी स्वदेशी के प्रबल समर्थक रहे।उन्होंने विदेशी वस्तुओं का त्याग किया था।वस्त्र भी विदेश से बनकर आते थे। इस कारण उन्होंने खादी निर्मित,धोती वस्त्र को पहना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल को भारतीय नागरिकों ने अपनाया।उनके स्वदेशी के पवित्र अभियान के फलस्वरूप आठ वर्षों में स्वदेशी खादी वस्तुओं का विक्रय (KVIC) द्वारा 31 हजार करोड़ से, चौगुना से अधिक बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपए हो गया है।स्वदेशी खिलोनों का देश में प्रयोग बढ़ा है।स्वदेशी खिलोनों का निर्यात भी लगभग छह गुना बढ़कर डाक्टर मनमोहन सरकार के 9 वर्षों के कार्यकाल के 358 मिलियन डालर से लगभग छह गुना बढ़कर 1850 मिलियन डालर हो गया है।
स्वावलंबन के प्रतीक नरेंद्र मोदी
स्वावलंबन के महत्व का दिग्दर्शन कराने वाले महात्मा गाँधी रहे हैं।चरखे से स्वनिर्मित खादी वस्त्र का उपयोग किया।वह अपने वस्त्र स्वयं ही धोते थे।परिजनों को भी स्वावलंबी बनाया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वावलंबी जीवन जीते रहे हैं।धुलने एवं इस्त्री(प्रेस) समय बचाने के लिए कुर्ते की बांह को छोटा कर दिया।कालांतर में कुर्ते के इस डिजाइन को मोदी कुर्ता नाम से पहचाना जाने लगा।
अस्पृश्यता उन्मूलन के समर्थक नरेंद्र मोदी
महात्मा गाँधी अस्पृश्यता के घुर विरोधी थे। उन्होंने सदैव जात-पात,छुआछूत का विरोध किया और निम्न जाति के लोगों को हरिजन कहकर सम्मान दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदैव समरसता के सुपोषक हैं। बाल-काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीला फूल नाटक के पात्र और संवाद स्वयं रच कर मंचन किया।अस्पृश्यता को दूर करने का संदेश दिया था।गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में समरसता को बढ़ाया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाई कर्मियों के पाद प्रक्षालन कर उनको सम्मानित किया है।उनके साथ किया है।समय समय पर वह अनुसूचित जनजाति वर्ग,अनुसूचित जाति वर्ग के नागरिकों के घर पर जाकर देश भर मे सहभोज करते रहते हैं।समरसता को बढ़ाते हैं। जात-पात की दीवारों,भेदभाव को उन्मूलित करते हैं। समभाव ममभाव के मंत्र को समृद्ध करते हैं।
ग्राम स्वराज के उन्नायक नरेन्द्र मोदी
महात्मा गांधी ग्राम स्वराज के प्रबल समर्थक रहे हैं।भारत का विकास गांव के विकास के बिना अधूरा है।पंचायती राज को महत्वपूर्ण मान पंच को परमेश्वर की उपमा देते थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महात्मा गांधी के संकल्प ग्रामोदय से भारत उदय की संकल्पना को मूर्त रूप दे रहे हैं ।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से सभी ग्रामों का सड़क संपर्क 9 वर्षों में 65 प्रतिशत से बढ़ाकर 99 प्रतिशत कर महती कार्य सुनिश्चित किया है।लगभग सवा सात लाख किलोमीटर की ऑल वेदर कनेक्टिविटी की सड़कों का निर्माण किया है। स्वतंत्रता के 65 वर्षों पश्चात 18000 गांव में बिजली नहीं पहुंची थी।आज सभी गांव में बिजली पहुंची है।गांव और शहरों के लगभग 3 करोड़ घरों को सौभाग्य योजना के माध्यम से विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।67000 से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण गांव और शहरों में किया गया है। भूजल स्तर,पेयजल उपलब्धता एवं सिंचाई की क्षमताएं भी बड़ी हैं ।गांव में भी स्मार्टफोन का प्रयोग बढ़ने के कारण स्मार्टफोन आबादी का प्रतिशत 15% से बढ़कर के 66% हुआ है।ग्रामीण भी इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं ।लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ कर,ग्रामीण भी डिजिटल भारत से कदमताल कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण और शहरी भारत के भेद अथवा डिजिटल डिवाइड को समाप्त किया है।मनरेगा योजना के बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।प्रस्तावित बजट से भी अधिक राशि ग्राम विकास पर व्यय की गई है।
नशा मुक्त समाज के समर्थक नरेन्द्र मोदी
महात्मा गांधी नशा मुक्त समाज की स्थापना के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने सदैव ही मादक पदार्थों के प्रचलन का विरोध किया। जन चेतना जागृत की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नशा मुक्ति अभियान चल रहे हैं ।सभी राज्यों की सरकारों के सहयोग के साथ संचालित हो रहा है।प्रत्येक व्यक्ति जन चेतना के माध्यम से मद्यपान के दुष्प्रभावों को समझ रहा है। नशा मुक्ति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। गुजरात और बिहार आदि जैसे राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। मध्य प्रदेश भी पूर्ण शराबबंदी की ओर अग्रसर है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन चेतना के माध्यम से प्रदेश की जनता को प्रशिक्षित भी किया है।शराब की दुकान के पास अहाते बंद कर दिए हैं।साथ ही सड़कों पर वाहनों में, सार्वजनिक क्षेत्र में मद्यपान को अपराध घोषित किया है। नशा मुक्त समाज की ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश सरकार का प्रशंसनीय कदम है।
सर्वजन हिताय के सुपोषक नरेंद्र मोदी
महात्मा गांधी के सिद्धांत सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय के मंत्र को अंगीकार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्रत्येक भारतीय नागरिक के कल्याण के लिए कृत संकल्पित है।वह सैकड़ों योजनाओं के द्वारा बिना किसी भेदभाव के सभी के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। गांधीवाद,गाँधी दर्शन को साकार कर रहे हैं।
गांधीवाद के विश्वदूत नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के फलस्वरुप राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जन्म जयंती को भारत ही नहीं विश्व के समस्त देशों में भव्यता पूर्वक उत्साह के साथ मनाया गया।भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा महात्मा गाँधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे को 150 से अधिक देशों के सुप्रसिद्ध गायकों द्वारा मूल भाषा गुजराती में रिकार्ड किया गया।संसार के संगीत कलाकारों से आग्रह किया था कि वह अपनी आवाज में और अपने देश के बैकड्राप में भजन शूट कर भेजें। इन स्थानीय गायकों और समूहों की पहचान करने में विश्व में फैले भारतीय दूतावासों ने महती भूमिका का निर्वहन किया।कोरोना जैसी महामारी में विश्व के 150 से अधिक देशों के नागरिकों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन जैसी अनेक औषधियों एवं उपकरणों को नरेंद्र मोदी ने प्रदान कर जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।ब्राजील देश के राष्ट्रपति ने संजीवनी बूटी एवं भगवान हनुमान की उपमा से अलंकृत किया ।वैक्सीन के निर्माण के बाद विश्व के सैकड़ो देश को कोरोना वैक्सीन भी प्रदान की है।पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। कोरोना वैक्सीन प्रदान करने हेतु आभार प्रकट किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति से विश्व में भारत की गरिमा बढ़ रही है।वास्तविकता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाँधीवाद या गाँधीदर्शन के विश्वदूत हैं।
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