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म्यामांर के जुंटा शासन के पास सैनिकों का टोटा, विद्रोहियों से लड़ने के लिए पूर्व सैनिकों को बुलाया

Updated on 17-02-2024 12:27 PM
नेपीडॉ: म्यांमार के जुंटा कहे जाने वाले सैन्य शासक देशभर में भीषण प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं। विद्रोही गुटों का एलायंस जुंटा के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व कर रहा है। विद्रोही गुटों के हाथों जुंटा ने कई सीमावर्ती कस्बों और महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों से नियंत्रण खो रहा है। म्यामांर में विद्रोही गुटों के सामने उसके सैनिक हथियार डालने को मजबूर हो रहे हैं। इस सबके बीच सैनिकों की भारी कमी का भी सामना जुंटा कर रहा है। ऐसे में म्यांमार की सैन्य जुंटा चाहती है कि सेवानिवृत्त सैनिक फिर से सेना में शामिल हो जाएं।

जुंटा ने देश में रिजर्व फोर्सेस कानून को सक्रिय कर दिया है, जिससे वह पूर्व सैनिकों को लड़ने के लिए वापस भेज सकता है। इरावदी के अनुसार जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा है कि वे कानून पेश कर रहे हैं क्योंकि कई दिग्गज मौजूदा गृह युद्ध में विद्रोही ताकतों से लड़ना चाहते हैं। जनरल ह्लाइंग म्यांमार वॉर वेटरन संगठन के अध्यक्ष हैं। संगठन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सितंबर 2021 तक देशभर में इसके लगभग 91,677 सदस्य और 161,372 सहायक सदस्य हैं।

पांच साल के लिए फिर से सेना में होंगे शामिल

नए कानून के तहत, सभी पूर्व सैन्य कर्मियों को सेवानिवृत्त होने के बाद पांच साल तक सेवा करनी होगी। इनमें से सभी को वापस नहीं बुलाया जाएगा, केवल उन लोगों को वापस बुलाया जाएगा जो युद्ध के लिए उपयुक्त समझे जाएंगे। यह कानून शनिवार को जुंटा द्वारा आम जनता के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य करने के ठीक बाद आया है। 18-35 आयु वर्ग के सभी पुरुषों और 18-27 आयु वर्ग की महिलाओं को अब दो से पांच साल तक सेना में सेवा करनी होगी।

म्यामांर में आंग सान सू की की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को जुंटा द्वारा तख्तापलट में गिराए जाने के बाद 2021 में गृहयुद्ध शुरू हुआ था। सेना ने 2021 में आंग सान सूकी की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर दिया था। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सेना की तख्तापलट के बाद की कार्रवाई ने स्थिति को और खराब कर दिया। इसके बाद विरोधी गुट एकजुट होकर सैन्य शासन के खिलाफ उतर गए। विद्रोही गुटों के बढ़ते प्रभाव के चलते जनरल ह्लाइंग पर पद छोड़ने का दबाव भी बढ़ रहा है।

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