मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ की महत्वपूर्ण बैठक भोपाल स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की सभागार में संपन्न हुई। बैठक में संघ की केंद्रीय समिति, संभागीय कार्यकारिणी और विभागीय समितियों के सदस्य शामिल हुए। बैठक में 23 मार्च को उमरिया में होने वाली प्रांतीय महासमिति की बैठक की तैयारियों पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला, तहसील और संभाग के पदाधिकारी शामिल हुए।
संघ ने कई गंभीर मुद्दों को उठाया। प्रदेश में 45000 स्थाई कर्मचारियों के साथ हजारों आउटसोर्स, अंशकालिक और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की समस्याएं लंबे समय से लंबित हैं। स्थाई कर्मियों को विनियमितीकरण का लाभ नहीं मिला है। अनुकंपा नियुक्ति रुकी हुई है। भत्तों के नियम भी तैयार नहीं किए गए हैं। अंशकालिक कर्मचारियों से 5000 रुपए वेतन में पूर्णकालिक काम कराया जा रहा है। आउटसोर्स कर्मचारियों को 8000 से 14000 रुपए तक ही वेतन मिल रहा है।
संघ ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक शासकीय एजेंसी बनाने की मांग की जाएगी। यह एजेंसी निगम या बोर्ड के रूप में काम करेगी। यह भर्ती प्रक्रिया, वेतन भुगतान और बजट प्रावधान की व्यवस्था करेगी। सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है।
संघ के प्रांत अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर भार्गव, महामंत्री गौरीशंकर मालवी, धर्मेंद्र शर्मा, राजेंद्र बहादुर सिंह, जिला अध्यक्ष राम कुंडल सेन, संभागीय अध्यक्ष जागेश्वर ओमारे, महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुन्नी देवी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के विभाग की अध्यक्ष हीरालाल साहू, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कोमल सिंह, निर्णय समिति के अध्यक्ष संतोष चंद्रयान, कृषि विभाग के अध्यक्ष गोविंद मेहरा, जीएसटी विभाग के अध्यक्ष मतीन खान, जनजातीय कार्य विभाग के अध्यक्ष विशाल गणेश, पीडब्ल्यूडी के अध्यक्ष प्रमोद उपाध्याय, तकनीकी शिक्षा के अध्यक्ष प्रभाकर मिश्रा, पशुपालन विभाग के अध्यक्ष विट्ठल राव देशमुख, चंबल बेतवा के अध्यक्ष राकेश कुर्रे, स्वास्थ्य संचालनालय के अध्यक्ष कलेक्ट्रेट के अध्यक्ष यतन सिंह लोधी, प्रांतीय सचिव दिनकर राव के साथ कई विभागों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।