पंजाब पुलिस साल 2016 में हुए नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह रोमी को हांगकांग से प्रत्यर्पण कराकर भारत ले आई है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की विशेष टीमें और गाड़ियां भी दिल्ली एयरपोर्ट हैं। एयरपोर्ट पर आरोपी की कागजी कार्रवाई पूरी होते ही उसे सड़क से पंजाब लाया जाएगा।
पंजाब पुलिस प्रत्यर्पण को बड़ी कामयाबी मान रही है, क्योंकि रोमी नाभा जेल से फरार हुए लोगों का सबसे बड़ा मददगार था। पंजाब पुलिस के DGP गौरव यादव ने आज दोपहर में अपने सोशल मीडिया अकाउंट से रोमी के प्रत्यर्पण की जानकारी दी थी।
वहीं, AGTF के AIG गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि SP, 2 DSP समेत छह सदस्यों की टीम उसे लेने गई है। पंजाब में उसके खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि यह यह विदेश में बैठे आरोपियों के लिए सबक है। पुलिस के हाथ बहुत लंबे हैं।
ISI के KLF के संपर्क में था
DGP गौरव यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि रोमी को आज लाया जा रहा है। वह ISI, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह गलवाड़ी सहित अन्य फरार कैदियों के संपर्क में था।
आरोपी को पहले लुक आउट सर्कुलर (LOC) और रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी किया गया था। हांगकांग सरकार के साथ MLAT के तहत 2018 में प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की गई।
हांगकांग के न्याय विभाग और AGTF की माननीय अदालतों के समक्ष पुख्ता सबूत पेश किए गए, जिसके बाद रोमी को वापस लाया जा रहा है। हम इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए हांगकांग के अधिकारियों, CBI, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य सभी केंद्रीय एजेंसियों का धन्यवाद करते हैं।
एक महीने तक जेल में रहा, फिर विदेश भागा
रोमी जून 2016 में नाभा जेल गया और फिर जमानत पर बाहर आया। इसके बाद वह हांगकांग भाग गया। वहां से उसने नाभा जेल में बंद गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से जेल ब्रेक की इस वारदात को अंजाम दिया। रोमी ने पैसे भेजने के अलावा जेल से भागने वाले अपराधियों को सुरक्षित पनाह भी दी और हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया।
6 साल तक भारत लाने के लिए लड़ी लड़ाई
रमनजीत सिंह रोमी को साल 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पंजाब ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाया। साथ ही उसके स्वदेश लाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी, लेकिन भारत की ओर से उसे वहां से लाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई।
पंजाब पुलिस ने वहां की अदालत में उसके खिलाफ लगे आरोपों को साबित कर दिया। इसके बाद अब वह भारत लाया जा रहा है। वहीं, आरोपी के भारत पहुंचने के बाद पूरी स्थिति साफ हो जाएगी कि उसके साथ इस अपराध में और कितने लोग शामिल थे।
रोमी को रेड कॉर्नर नोटिस जारी
इससे पहले गैंगस्टर रोमी के लापता होने के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। रोमी पर साल 2016-17 में जालंधर और लुधियाना में हुई हत्याओं में भी शामिल होने का शक है। पंजाब पुलिस के अनुसार, वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखों के संपर्क में था।
गुरप्रीत उन 6 लोगों में शामिल था, जो नवंबर 2016 में नाभा जेल से भागे थे और वह इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता था। पुलिस का मानना है कि रोमी ने जेल से भागने वालों को इसके लिए पैसे मुहैया कराए। साथ ही उसने हांगकांग से ही जेल ब्रेक की पूरी साजिश रची।
जेल से फरार हुए थे 6 कैदी
27 नवंबर 2016 को पुलिस वर्दी में आए 10 लोग 4 गैंगस्टर व 2 आतंकियों को भगाकर ले गए थे। इन लोगों में KLF आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह, गैंगस्टर हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ विक्की गौंडर, गुरप्रीत सिंह सेखों, नीटा देयोल और अमनदीप सिंह ढोटिया शामिल थे।
इस मामले में कुल 30 लोगों काे आरोपी बनाया गया। कश्मीर सिंह इस मामले में नहीं पकड़ा गया। वहीं, विक्की गौंडर एनकाउंटर में मारा गया। जबकि, बाकी आरोपी काबू कर लिए गए। जब सारे पकड़े गए तो कहानी से पर्दा उठा था। साथ ही रनमजीत सिंह रोमी के कारनामे का पता चला था।
इसके बाद मई 2023 में इस मामले में अदालत ने 22 लोगों को दोषी ठहराया। 9 गैंगस्टरों सहित 20 लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई। जबकि, अन्य 2 दोषियों में से एक को 5 व दूसरे को 3 साल की सजा सुनाई गई। 6 को बरी कर दिया गया।
अदालत ने जेल ब्रेक की साजिश रचने व ड्यूटी में लापरवाही बरतने के दोष में जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट सिक्योरिटी रहे भीम सिंह व हेड वॉर्डन जगमीत सिंह को 10 साल की कैद के अलावा 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई।
2 का एनकाउंटर, एक की बीमारी से मौत
इस मामले में शामिल गैंगस्टर हरजोगिंदर सिंह उर्फ विक्की गौंडर और प्रेमा लाहौरिया का साल 2018 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स से जुड़े आतंकी मिंटू की जेल में बीमारी के चलते मौत हो गई। जबकि, नरेश नारंग, रविंदर विक्की, रणजीत सिंह, तेजिंदर शर्मा, मोहम्मद आसिम और जीतेंद्र को बरी कर दिया।