नई दिल्ली । चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लेने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं मिला है। बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, मगर बक्सर सीट से उम्मीद सी जा रही थी कि गुप्तेश्वर पांडेय चुनाव लड़ सकते हैं, वहां से बीजेपी ने किसी और मैदान में उतार दिया है। गुप्तेश्वर पांडये को बक्सर विधानसभा और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट दोनों में से कहीं से भी टिकट मिलने पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की प्रतिक्रिया आई है। अनिल देशमुख का दावा है कि उनके सवालों के डर से ही गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं दिया गया है। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के पूर्व डीजीपी को चुनावी टिकट देना पार्टी का विषय है। हमने सवाल पूछा था कि क्या भाजपा के नेता उनके लिए चुनावी प्रचार करेंगे। मुझे लगता है कि शायद इसी सवाल के डर की वजह से उन्हें टिकट नहीं दिया गया। गौरतलब है कि जदयू ने 115 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। जदयू ने अपने हिस्से में आईं 122 सीटों में से सात सीटें अपने सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर को दी हैं। दरअसल, गुप्तेश्वर पांडेय को लेकर ऐसी संभावना थी कि उन्हें नीतीश कुमार की जदयू बक्सर सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है, मगर यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई। इसके बाद भी जदयू की जब उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो उसमें कहीं से भी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था। गुप्तेश्वर पांडेय को बक्सर सीट के अलावा वाल्मीकि नगर लोकसभा उप चुनाव से भी आस थी, मगर वहां भी एनडीए ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। बक्सर सीट से बीजेपी ने परशुराम चतुर्वेदी को मैदान में उतारा है। कहीं से भी जदयू की लिस्ट में नाम न होने के बाद पांडेय ने लिखा कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसमें हताश या निराश होने वाली कोई बात नहीं है। मेरा जीवन संघर्ष में बीता है और जीवनभर जनता की सेवा करता रहूंगा। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरस लिया हो। इससे पहले भी वह 2009 में चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया था, मगर टिकट नहीं मिलने के वजह से फिर सेवा में आ गए थे।