पाकिस्तान में अलकायदा नेता और ओसामा बिन लादेन के करीबी रहे अमीन-उल-हक को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब के काउंटर टेरिरिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक CTD को अलकायदा के सीनियर कमांडर रहे अमीन-उल-हक के गुजरात (पाकिस्तान) के सराय आलमगीर कस्बे में होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद उन्होंने एक ऑपरेशन चलाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
अमीन उल-हक अफगानिस्तान का रहने वाला है मगर उसके पास से पाकिस्तान का आईडी कार्ड मिला है। ये आईडी कार्ड लाहौर और हरिपुर के एक पते पर बनाया गया है।
अमीन के खिलाफ आतंक से जुड़ी साजिश रचने का आरोप
पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक अमीन-उल-हक के खिलाफ पंजाब में मामला दर्ज किया है। उसके खिलाफ आतंक से जुड़ी साजिश रचने का आरोप लगा है। हालांकि, टेरिरिज्म डिपार्टमेंट ने इस मामले में बहुत अधिक जानकारी नहीं दी है।
CTD के प्रवक्ता ने चैनल से बात करते हुए कहा कि उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। फिलहाल अमीन उल-हक को पूछताछ के लिए एत अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि अमीन ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी था। उसका नाम संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में भी शामिल है। अमेरिका ने 2001 में ग्लोबल आतंकवादियों की सूची जारी की थी जिसमें अमीन का नाम शामिल था।
लादेन और अल कायदा के साथ कई सालों तक जुड़े रहने के कारण उसकी गिरफ्तारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अब तक इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है।
तालिबान की वापसी के बाद अफगानिस्तान गया था अमीन
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 दशकों तक पाकिस्तान में रहने के बाद अमीन हक अगस्त 2021 में अफगानिस्तान लौटा था। इस दौरान वह अपने घर नांगरहार पहुंचा था। उसके अफगानिस्तान आने का वीडियो तब काफी वायरल हुआ था। ये वही दौर था जब अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई थी।
उसके बाद वह फिर से पाकिस्तान कब गया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। CTD के एक अधिकारी ने कहा कि अमीन हक के पाकिस्तान में रहने के मकसद की जांच चल रही है।
डॉक्टर बना लादेन का सिक्योरिटी गार्ड
अमीन का जन्म 1960 में अफगानिस्तान के नांगरहार में हुआ था। वह पेशे से डॉक्टर था और मूत्र रोगों से जुड़ा इलाज करता था। 80 के दशक में अफगानिस्तान के आतंकी संगठन हिज्ब-ए इस्लामी खालिस से जुड़ गया और सोवियत के खिलाफ जंग में शामिल हो गया। बाद में वह अलकायदा से जुड़ गया।
अलकायदा में शामिल होने के बाद वह अफगानिस्तान के तोरा बोरा में ओसामा बिन लादेन का सिक्योरिटी संभालने लगा। 1996 में जब ओसामा बिन लादेन को सूडान से बाहर निकलने पर मजबूर किया था तो अमीन ने ही अफगानिस्तान में उसके लिए जगह बनाई थी।
ओसामा को पाकिस्तान पहुंचाने में की मदद
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक दिसंबर 2001 में अमेरिका पर हमले के बाद जब ओसामा लादेन अमेरिकी सैनिकों के हमले से बचने के लिए भाग रहा था तब अमीन ने ही उसे पाकिस्तान पहुंचाया था। इस दौरान वह ब्लैक गार्ड का सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर था। ब्लैक गार्ड ओसामा की सिक्योरिटी संभालती थी।
कुछ साल के बाद जब 2007 में अमेरिकी सेना तोरा बोरा पहुंची तो अमीन भागकर पाकिस्तान आ गया। पाकिस्तानी पहुंचने के बाद 2008 में उसे सेना ने पकड़ लिया था मगर साल 2011 में उसे रिहा कर दिया गया, क्योंकि उसके अल कायदा से संबंध साबित नहीं हो सके।
कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि जब ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में था तब भी अमीन के पास कुछ समय के लिए उसकी सिक्योरिटी का जिम्मा था।