रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 24 साल बाद बुधवार सुबह को नॉर्थ कोरिया के दौरे पर पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर तानाशाह किम जोंग उन ने खुद उन्हें रिसीव किया। पुतिन के साथ रूस के 10 मंत्रियों और अधिकारियों का डेलीगेशन मौजूद है। इनमें विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोऊसोव शामिल हैं।
पुतिन के स्वागत में एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाया गया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले भी लगाया। इसके बाद राजधानी प्योंगयांग के सिटी स्क्वायर पर पुतिन का आधिकारिक स्वागत हुआ। चौराहे को रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। सड़कों पर पुतिन के काफिले को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। उनके हाथ में रूस और नॉर्थ कोरिया का झंडा था।
इसके अलावा कुछ इमारतों पर पुतिन और किम जोंग के बड़े-बड़े पोस्टर भी लगाए गए। सिटी स्क्वायर पर पुतिन के स्वागत में मिलिट्री बैंड ने दोनों देशों की राष्ट्र धुन बजाई। इस दौरान वहां इकट्ठा हुए बच्चों के हाथ में रंग-बिरंगे फूल भी मौजूद थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान किम जोंग की बहन किम यो जोंग भी वहां मौजूद रहीं।
नॉर्थ कोरिया की 105 मंजिला इमारत रंग-बिरंगी लाइट्स से जगमगाई
ब्रिटिश मीडिया BBC के मुताबिक, पुतिन के स्वागत में ग्रैंड परेड के अलावा प्योंगयांग में मौजूद 105 मंजिला रुगयोंग होटल को LED लाइट्स से सजाया गया। इस पर 'वेलकम पुतिन' और 'दोस्ती' लिखा नजर आया। रूसी न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई। इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन जंग में रूस का साथ देने के लिए किम जोंग को धन्यवाद कहा।
पुतिन ने एक नए मौलिक दस्तावेज की भी घोषणा की, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों की बुनियाद बनेगा। पुतिन ने कहा कि पिछले साल किम जोंग की रूस यात्रा के दौरान दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए थे। अब इस पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने के लिए नया फंडामेंटल डॉक्यूमेंट बनाया गया है।
पुतिन बोले- अमेरिका की धमकियों के खिलाफ नॉर्थ कोरिया का साथ देगा रूस
बैठक के दौरान पुतिन ने वादा किया कि रूस अमेरिकी दबाव, ब्लैकमेल और धमकियों के खिलाफ नॉर्थ कोरिया का समर्थन करेगा। रूसी राष्ट्रपति ने किम जोंग को रूस आने का भी न्योता दिया। तानाशाह किम इससे पहले सितंबर 2023 में रूस के वोस्तोचिनी कॉस्मोड्रोम पहुंचे थे, जहां पुतिन ने उनका स्वागत किया था।
बैठक के दौरान तानाशाह किम जोंग ने कहा कि वे यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग का समर्थन करते हैं। दोनों देश विकास के नए दौर की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में नॉर्थ कोरिया रूस के साथ अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुतिन ने उत्तर कोरियाई अखबार में लिखा लेख
पुतिन ने इस यात्रा से पहले नॉर्थ कोरिया के अखबार रोडांग सिनमुन के लिए एक लेख लिखा था। इसमें उन्होंने नॉर्थ कोरिया और वहां की जनता को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा था। पुतिन ने लिखा था कि रूस ने हमेशा से ‘कपटी, खतरनाक और आक्रमक’ दुश्मन के खिलाफ उत्तर कोरियाई लोगों की स्वतंत्रता और पहचान की लड़ाई में सपोर्ट किया है और वह आगे भी ऐसा करता रहेगा।
पुतिन के साथ हो सकती है हथियार डील
पुतिन की इस यात्रा को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि किम जोंग रूस को जरूरी हथियार के बदले आर्थिक सहायता और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से जुड़ी डील कर सकते हैं। दरअसल यूक्रेन युद्ध में जमे रहने के लिए रूस को और हथियारों की जरूरत है।
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से नॉर्थ कोरिया और रूस के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग तेजी से बढा है। अमेरिका और साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया पर आरोप लगाया है कि वह रूस को गोला बारूद, मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया करा रहा है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में साउथ कोरिया की डिफेंस मिनिस्ट्री ने दावा किया है कि रूस, नॉर्थ कोरिया को 50 लाख आर्टिलेरी शेल्स भेजा है। हालांकि प्योंगयांग और मॉस्को दोनों ने ही हथियारों के ट्रांसफर के आरोपों से साफ इनकार किया है।
पुतिन मार्च 2000 में राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद जुलाई 2000 में प्योंगयांग के दौरे पर गए थे। उन्होंने किम के पिता और नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग इल से मुलाकात की थी।
रूस और नॉर्थ कोरिया की बढ़ी नजदीकियां
साल 2011 में नॉर्थ कोरिया की सत्ता संभालने वाले किम जोंग उन ने अपने पिता की तरह रूस और चीन से बेहतर संबंध बनाने की कोशिश की है। पुतिन से किम जोंग उन की नजदीकी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस ने 2012 में नॉर्थ कोरिया के सभी कर्जे माफ कर दिए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस अलग-थलग पड़ गया है और अमेरिका विरोधी देशों के साथ संबंधों को और बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।