इस्माइल हानियेह की मौत के बाद याह्या सिनवार को हमास का चीफ बनाया गया है। हमास ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले याह्या सिनवार सिर्फ गाजा में हमास की कमान संभाल रहा था।
हानियेह जहां कतर से संगठन को ऑपरेट कर रहा था, वहीं, सिनवार गाजा में ही रहता है। 2017 में जब उसे गाजा का चीफ बनाया गया था, तब से वह कभी भी सामने नहीं आया है। सिनवार की हमास पर काफी मजबूत पकड़ है।
1 जुलाई को तेहरान में हानियेह के ठिकाने पर मिसाइल से हमला किया गया था। इसमें हानियेह और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत हो गई थी। हानियेह की अगुआई में ही हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर 75 सालों का सबसे बड़ा हमला किया था। इसमें 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जबकि सिनवार इसका मास्टरमाइंड था।
सिनवार ही क्यों चुना गया हमास का चीफ
आमतौर पर किसी चीफ के मरने के बाद उनकी जगह डिप्टी चीफ लेता है, लेकिन हमास के डिप्टी चीफ रहे सालेह अल-अरूरी की हत्या इसी साल जनवरी में हो गई थी। इजराइली सेना ने एक ड्रोन हमले में हमास के नंबर-2 नेता को मार दिया था। हमास के पॉलिटिकल विंग में नंबर-1 और नंबर-2 दोनों की कुर्सी खाली हो गई थीं।
फिलहाल, हमास में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो इजराइल की जंग का गाजा की स्थिति को सिनवार से बेहतर समझ सके। ऐसे में उसे चीफ बनाया गया है। अब सिनवार ही बंधकों की रिहाई और सीजफायर से जुड़े अहम फैसले लेगा।
रिफ्यूजी कैंप में जन्मा, 22 साल जेल में रहा सिनवार
नए हमास चीफ का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार है। उसका जन्म गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी कैंप में हुआ था। याह्या के मां-बाप अश्केलॉन के थे। 1948 में इजराइल की स्थापना हुई और हजारों फिलिस्तीनियों को उनके पुश्तैनी घरों से निकाला गया, तो याह्या के माता-पिता भी शरणार्थी बन गए थे।
दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों का अपहरण और उनकी हत्या करने के आरोप में सिनवार को 1989 में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त याह्या की उम्र 19 साल थी। मुकदमा चला। बाद में उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गईं।
हालांकि, 2011 में इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा कैदियों की अदला-बदली के दौरान सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था। तब तक सिनवार करीब 22 साल जेल में बिता चुका था।
खान यूनिस का कसाई कहलाता है सिनवार
सिनवार को निर्मम हत्याएं करने के लिए जाना जाता है। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिनवार ने इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में एक शख्स को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था।
हैरानी की बात ये है कि दफन करने का काम किसी फावड़े से नहीं बल्कि चम्मच से किया गया था। ऐसी क्रूरता की वजह से ही सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता है। सिनवार के करीबी भी उससे खौफ खाते हैं। कहा जाता है कि अगर आप सिनवार की बात को टाल रहे हैं तो अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं।
सिनवार ने 2015 में हमास कमांडर महमूद इश्तिवी को टॉर्चर कर जान ले ली थी। इश्तिवी पर समलैंगिकता और पैसों की हेरा-फेरी का आरोप था। सिनवार लोगों को कंट्रोल करने में माहिर है। हालांकि, उसे बहुत अच्छा वक्ता नहीं माना जाता है।
2014 में उसे ‘मृत’ घोषित कर दिया था, कुछ समय बाद यह एक अफवाह साबित हुई। साल 2015 में याह्या को अमेरिका ने आतंकी घोषित किया था। सिनवार को ईरान का करीबी माना जाता है।