अप्रैल में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक कार्यक्रम में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी भी की गई थी। इस पर भारत ने विरोध जताते हुए कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया था और साफ कहा था कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ता है। भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि भारत सरकार ने इस बात पर गहरी चिंता और कड़ा विरोध जताया है कि इस कार्यक्रम में इस तरह की परेशान करने वाली गतिविधियां बिना रोक-टोक जारी रहीं। यह एक बार फिर दर्शाता है कि कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को राजनीतिक स्थान दिया गया है।