नाटो की जड़ काटने में जुटे हैं जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के डबल गेम से अमेरिका का चढ़ा पारा, वाशिंगटन में लगेगी क्लास
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10-07-2024 01:40 PM
वाशिंगटन: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अब अपने नाटो सहयोगियों के निशाने पर हैं। सदस्य देशों का मानना है कनाडा नाटो को कमजोर कर रहा है। इससे नाटो के सहयोगियों में लगातार गुस्सा बढ़ रहा है। नाटो के 12 संस्थापक देशों में से एक कनाडा ने सैन्य खर्च के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है। इसके साथ ही उसने नए उपकरणों में पर्याप्त निवेश भी नहीं किया है। इसके चलते नाटो की उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े हो गए हैं। नाटो के सदस्य इसी सप्ताह वाशिंगटन में मिलने वाले हैं, जहां कनाडा की कम होती रक्षा भागीदारी का मुद्दा गरमाया रहेगा।
उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में नाटो के सदस्य कनाडा पर अधिक धन देने के लिए दबाव डालेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग के पूर्व हथियार नियंत्रण अधिकारी मैक्स बर्गमैन ने पोलिटिको को बताया कि 'यह बिल्कुल साफ है कि जब हर कोई अधिक खर्च कर रहा है, कनाडा कोशिश भी नहीं कर रहा है।' अमेरिकी कांग्रेस के एक अधिकारी का कहना है कि 'यूरोपी देश निराश हैं कि उनकी आलोचना की जा रही है, जबकि कनाडा पर वाशिंगटन दबाव नहीं बना रहा है।'
23 अमेरिकी सीनेटरों ने लिखा पत्र
पोलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक पत्र में अपनी निराशा व्यक्त की, जिसमें कनाडा से अपने दायित्यों को पूरा करने का आग्रह किया गया। नाटो देशों ने 2014 में अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2% रक्षा पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस साल 32 नाटो देशों में से 23 इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे, लेकिन कनाडा अभी भी पीछे है। एक लीक हुए आंतरिक रिपोर्ट बताती है कि कनाडा की सेना को कम धन दिया जा रहा है। साथ ही इसके उपकरणों का एक बड़ा हिस्सा अनुपलब्ध और अनुपयोगी माना जाता है।
नाटो को कमजोर कर रहा कनाडा
कनाडा का कम निवेश नाटो की रक्षा पहलों में पूरी तरह से भाग लेने की देश की क्षमता को प्रभावित करता है और खतरों की मुकाबला करने की इसकी चिंताओं पर सवाल खड़े करता है। एक मजबूत अर्थव्यवस्था के बावजूद, कनाडा का रक्षा व्यय अपर्याप्त बना हुआ है। कनाडा सरकार की नई रक्षा नीति 2030 तक खर्च को केवल 1.7 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान लगाती है। कनाडा के इस रुख पर नाटो राजनयिक और अधिकारी अलग-अलग समय पर अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुके हैं। एक अमेरिका कांग्रेस अधिकारी ने कहा है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे, क्योंकि लक्ष्य को हासिल न करने पर कोई जुर्माना नहीं है।
शिखर में क्या होगा?
वाशिंगटन में होने वाले शिखर सम्मेलन में कनाडा के ऊपर दबाव बनाए जाने की पूरी उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि नाटो रक्षा बजट के लिए '2 प्रतिशत सीमा नहीं, बल्कि न्यूनतम सीमा है।' अमेरिका, पोलैंड, नॉर्वे और एस्टोनिया जैसे देश पहले ही 2% की सीमा को पार कर चुके हैं, जो रक्षा के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमेरिकी अधिकारी और नाटो राजनयिक कनाडा को अलग चिह्नित करने पर दबाव बना सकते हैं। अगर अमेरिकी चुनाव के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप की वापसी होती है, तो स्थिति और खराब हो सकती है, क्योंकि उनका प्रशासन कनाडा पर अपने रक्षा खर्च को बढ़ाने के लिए अधिक दबाव डाल सकता है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, ट्रम्प ने 2% लक्ष्य को पूरा न करने के लिए अक्सर नाटो सदस्यों की आलोचना की थी।
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