ईरानी मदद के बिना संभव नहीं था 7 अक्टूबर का हमला
अराबी का कहना है कि ईरान से मिलने वाली मदद की वह तंत्र हैं जिन्होंने हमास को 7 अक्टूबर के हमले के लिए सक्षम बनाया। आईआरजीसी की हरी झंडी और उनके समन्वय के बिना 7 अक्टूबर के हमले नहीं हो सकते थे। आराबी ने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमलों का भी जिक्र किया। हूतियों ने हाल ही में एक मालवाहक जहाज का अपहरण कर लिया था। अराबी का कहना है कि आईआरजीसी 7 अक्टूबर के हमलों को इजरायल के साथ लंबे टकराव की शुरुआत के रूप में देखता है। उसका मानना है कि इजरायल को समय-समय पर चोट देना जरूरी है।अराबी का ये भी मानना है कि पश्चिम एशिया में तनाव और टकराव का एक ऐसा दौर शुरू हो सकता है, जो हमने पहले नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम देशों के ईरान पर लगाए गए प्रभावी प्रतिबंध ही संघर्ष के कुछ पहलुओं को कम करने का एकमात्र तरीका है, खासकर जब बात उनके परमाणु हथियार की हो। जब तक तेहरान को परिणाम महसूस नहीं होता, तब तक तनाव बढ़ने का सिलसिला जारी रहेगा और 7 अक्टूबर जैसे और हमले होंगे।