विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारतीय चुनावों पर पश्चिमी मीडिया के कवरेज की आलोचना की है। जयशंकर ने कहा है कि जिन देशों को "चुनाव परिणाम तय करने के लिए अदालत जाना पड़ता है" वे आज हमें चुनाव कराने पर ज्ञान दे रहे हैं।
विदेश मंत्री मंगलवार को कोलकाता में अपनी पुस्तक 'वाय भारत मैटर्स' के बांग्ला संस्करण के लॉन्च प्रोग्राम में सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों को लगता है कि वे पिछले 200 सालों से दुनिया को चला रहे हैं। वे भारत के साथ भी करना चाहते हैं।
जयशंकर ने कहा, "पश्चिमी मीडिया कुछ खास लोगों को ही देश की सत्ता संभालते देखना चाहती है और जब ऐसा नहीं होता, तो यह उन्हें पसंद नहीं आता है। वे अपनी चुनाव कवरेज में खुले तौर पर कुछ खास लोगों का समर्थन करते हैं।"
पश्चिमी मीडिया पिछले 300 सालों से वर्चस्व का खेल, खेल रहे हैं। वे अनुभवी और चालाक लोग हैं। वे भारत को लेकर नकारात्मक बातें फैलाने लगते हैं, क्योंकि भारत उनकी धारणा पर चलने के लिए तैयार नहीं है।"
'PoK में लोगों पर अत्याचार हो रहे जबकि जम्मू-कश्मीर में विकास हो रहा'
कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने PoK में मंहगाई और बढ़ते बिजली के दामों पर भी बात की। उन्होंने कहा, "PoK में इस वक्त उठा-पटक चल रही है। वहां रहने वाले लोग आज अपनी स्थिति को जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों से तुलना करते होंगे। वे देखते होंगे कि जम्मू कश्मीर के लोगों का विकास हो रहा है और वहीं उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। उनके साथ भेदभाव हो रहा है और वे गुलामी में जीवन गुजार रहे हैं।
PoK हमेशा भारत का रहा है और हमेशा भारत ही रहेगा। जब तक अनुच्छेद 370 नहीं था, तब तक PoK के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी। अनुच्छेद 370 से भारत आगे बढ़ा है । इससे अलगाववाद, हिंसा और आतंकवाद घटा है।"
'अमेरिका भी कर चुका चाबहार प्रोजेक्ट की तारीफ'
विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार पोर्ट डील पर अमेरिका की तरफ से पाबंदी लगाने की वॉर्निंग पर भी बात की। जयशंकर ने कहा कि प्रोजेक्ट से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा। लोगों को इसका बड़े स्तर पर होने वाले इसके असर पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अमेरिका खुद भी पहले कई बार चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट की सराहना कर चुका है।
LAC पर चीन के सैनिकों की आसामन्य तैनाती
जयंशकर ने चीन के साथ रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चीन ने LAC पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर रखे हैं। हम भारत की सुरक्षा को लेकर लापरवाही नहीं बरत सकते हैं।
उन्होंने कहा, "2020 में चीन ने कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए सीमा पर बड़ी संख्या में सेना तैनात की। तब भारत कोविड लॉकडाउन से जूझ रहा था। हालांकि, चीन के कदम का जवाब देते हुए हमने भी बॉर्डर पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी।"