विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (8 मई) को एक बार फिर PoK को भारत का हिस्सा बताया है। ये इस हफ्ते में दूसरी बार है जब जयशंकर ने PoK को भारत का अभिन्न अंग बताया है। इससे पहले 5 मई को ओडिशा दौरे में उन्होंने कहा था कि भारत के लोग PoK को भूले नहीं, लोग फिर से इसे देश में मिलाना चाहते हैं।
जयशंकर ने आज दिल्ली के गार्गी कॉलेज में कहा कि पाकिस्तान को PoK वापस कर देना चाहिए। उन्होंने इसे पीएम मोदी का एक सबसे बड़ा सपना बताया। इसके अलावा उन्होंने लोगों का ध्यान कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर भी दिया। जयशंकर ने 370 को मोदी सरकारी की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि अब देश की जनता ने भी मान लिया है कि 370 दोबारा कश्मीर में नहीं आएगा। साथ ही अब हमारा लक्ष्य PoK की जमीन बदलने का है।
जयशंकर बोले- आजादी के बाद सरकार ने पाकिस्तान को PoK खाली करने को नही कहा
जयशंकर ने बताया कि आजादी के बाद उस समय की सरकार ने पाकिस्तान को इस जमीन को खाली करने को कभी नही कहा, जिस कारण आज हमें ये दिन देखने पड़ रहे हैं। पिछले हफ्ते ही जयशंकर के PoK वाले बयान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत PoK पर अपना दावा कभी नहीं छोडेगा।
उन्होंने आगे कहा था कि आज कश्मीर की तरक्की देखकर PoK के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते है। ये दिखाता है कि PoK पर हमारी सोच कहा तक है। भारत को इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी। जिस तरह कश्मीर में हालात बदल रहे हैं और आर्थिक प्रगति हो रही है, वहां जैसी शांति लौटी है, मुझे यकीन है कि एक दिन PoK से भी भारत में विलय की मांग उठेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि PoK में हमें किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं करना पडे़गा। वहां के लोग खुद भारत में विलय करेंगे। उन्होंने कहा कि PoK हमार था, है और हमारा रहेगा।
PoK पर ध्यान नहीं दिया गया
जयशंकर ने पिछले हफ्ते बताया था कि पाकिस्तान की आजादी के शुरुआती सालों में इन क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण यहां (PoK) में हालात खराब हो गए। भविष्य में क्या होगा? यह बताना बहुत मुश्किल है। लेकिन, मैं एक बताना चाहता हूं कि देश की जनता PoK को नहीं भूली है।
उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को पहले ही हट जाना चाहिए था। 370 से पहले कश्मीर में अलगाववाद और उग्रवाद था। विदेश मंत्री इन दिनों ओडिशा के दौरे पर हैं। वो यहां BJP के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर चुनाव को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
370 हटने के बाद पत्थरबाजी खत्म, आतंकी हमलों में कमी
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएं दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने भी 11 दिसंबर को सरकार के फैसले को सही ठहराया था।
आर्टिकल-370 हटने के बाद कश्मीर में क्या बदलापत्थरबाजी: सरकार के मुताबिक, 2018 में कश्मीर में पत्थरबाजी की 1767 घटनाएं हुई थीं। 2023 में ऐसी एक भी घटना नहीं हुई।
आतंकवाद: 2018 से 2022 के बीच आतंकी गतिविधियों में 45.2% की कमी आई है। 2018 में इसके 143 मामले सामने आए थे, 2022 में ये 14 रह गए।
टूरिज्म: 2023 में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आए। 2022 में यहां 1.88 करोड़ टूरिस्ट आए थे।