तुर्की कर रहा इस्लामिक राजनीति
यूएई में सीओपी 28 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान 30 नवंबर को पीएम मोदी भी वहां मौजूद रहेंगे। इस बात की बहुत कम संभावना है कि पीएम मोदी और मोहम्मद मुइजू के बीच पहली बार मुलाकात हो। इससे पहले मालदीव के आम चुनाव में भारत समर्थक सोलिह चुनाव हार गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि तुर्की भारत के खिलाफ नापाक चाल चल रहा है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल कहते हैं, 'तुर्की इस क्षेत्र में भारत विरोधी इस्लामिक राजनीति कर रहा है। इस्लामिक सांठगांठ के अलावा उसकी मालदीव में कोई रुचि नहीं है। मोहम्मद मुइजू अनावश्यक रूप से भड़काने में लगे हुए हैं।'
ऐसा पहली बार नहीं है जब तुर्की ने भारत के विरोधी देशों के साथ अपने संबंध मजबूत नहीं किए हों। इससे पहले तुर्की ने भारत के दूसरे सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान को हथियार से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक दिए थे। तुर्की अपने सबसे घातक ड्रोन विमानों को पाकिस्तान को दे रहा है। तुर्की और पाकिस्तान दोनों मिलकर फाइटर जेट बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। यही नहीं तुर्की, अजरबैजान मिलकर कश्मीर पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करते हैं। इसी वजह से भारत अब आर्मीनिया के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है।