सऊदी अरब की जेल में 18 साल से बंद भारतीय नागरिक अब्दुल रहीम जल्द ही रिहा होने वाला है। रियाद की कोर्ट ने उसे माफी दे दी है। साल 2006 में अब्दुल की देखरेख में एक दिव्यांग बच्चे की मौत के बाद कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब बच्चे के परिवार ने अब्दुल की माफी स्वीकार कर ली है। उन्होंने कोर्ट से उसे रिहा करने का आग्रह किया। 44 साल का अब्दुल रहीम केरल के कोझिकोड का रहने वाला है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल के वकील नसीब सीपी ने कहा कि कोर्ट जल्द ही अब्दुल की रिहाई का ऑर्डर जारी करेगा। इसके बाद रियाद प्रशासन उसे रिहा कर देगा। दस्तावेजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब्दुल अपने देश लौट सकता है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सऊदी में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी यूसुफ काकनचेरी भी कोर्ट में मौजूद थे।
झगड़े में बच्चे के गले का पाइप हटा
स्थानीय लोगों के मुताबिक, रहीम को सऊदी अरब के एक परिवार ने अपने 15 साल के स्पेशली एबल्ड बच्चे के ड्राइवर और केयरटेकर के तौर पर रखा गया था। 2006 में एक विवाद के दौरान रहीम की गलती से बच्चे के गले का पाइप अपनी जगह से हट गया।
जब तक रहीम को यह समझ आया कि ऑक्सीजन की कमी से लड़का बेहोश हो गया है और उसे अस्पताल लेकर गया, तब तक लड़के की मौत हो गई। लड़के की मौत के लिए रहीम को जिम्मेदार ठहराया गया और 2012 में उसे जेल में डाल दिया गया।
ब्लड मनी नहीं मिलने पर सिर कलम करने की सजा
उस लड़के के परिवार ने रहीम को माफी देने से इनकार कर दिया। सबसे पहले उसे 2018 में मौत की सजा दी गई और उसके बाद 2022 तक इसे बरकरार रखा गया। उसके पास दो ही रास्ते थे। या तो सिर कलम करवाकर मौत को चुने या 34 करोड़ ब्लड मनी का इंतजाम कर लड़के के परिवार को दे।
अब्दुल की रिहाई के लिए एक कमेटी का गठन हुआ। इसके जरिए दुनियाभर के लोगों और खासकर भारतीयों से अब्दुल की रिहाई के लिए पैसा जुटाने में मदद की अपील की गई।
इसके बाद रियाद की 75 संस्थाओं, केरल के बिजनेसमैन, कई राजनीतिक संस्थाओं और आम लोगों ने मिलकर पैसा जुटाने में मदद की। आखिरकार अब्दुल के परिवार ने पिछले साल दिसंबर में 34 करोड़ की ब्लड मनी सऊदी के पीड़ित परिवार तक पहुंचा दी।