भारत वैज्ञानिकों की वजह से चांद पर पहुंचा, पाकिस्तान के साइंटिस्ट सुई भी नहीं बना सकते... मौलवी ने दिखाया आईना
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13-09-2023 01:42 PM
इस्लामाबाद: भारत समेत पूरी दुनिया अभी तक चंद्रयान 3 की सफलता के हैंगओवर में डूबी है। हर कहीं अंतरिक्ष में भारत की इस उपलब्धि की तारीफ हो रही है और भारतीय वैज्ञानिकों की पीठ थपथपाई जा रही है। अब पाकिस्तान के एक मौलवी ने भी भारत के वैज्ञानिकों को शाबाशी दी है। उन्होंने कहा है कि भारत चांद पर पहुंच गया है और पाकिस्तान के वैज्ञानिक एक सुई तक नहीं बना सकते हैं। मौलवी का यह वीडियो आने के बाद भारत में भी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। ये लोग कह रहे हैं मौलवी ने दरअसल पाकिस्तान को आईना दिखाया है।
पाकिस्तान के वैज्ञानिक नकारा पाकिस्तान के एक मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नाकामी के लिए अपने देश के वैज्ञानिकों को जिम्मेदार ठहराया है। एक वीडियो में जहीर को कहते हुए सुना जा सकता है कि भारत ने अपने वैज्ञानिकों की वजह से अपने चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 में इतनी बड़ी सफलता हासिल है। मौलवी जहीर वीडियो में कह रहे हैं, 'क्या भारत को हिंदू पंडितों नें चांद पर पहुंचाया या अमेरिकाअपने पादरियों की वजह से चांद तक पहुंचा। भारत आज अगर चांद पर है तो अपने वैज्ञानिकों की वजह से है। और पाकिस्तान के वैज्ञानिक एक सुई तक नहीं बना सकते हैं इतने नाकारा हैं।' इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी धर्मनिरपेक्षों और उदारवादियों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि इस्लाम पाकिस्तान की वैज्ञानिक प्रगति में बाधा हैं।
कौन हैं मौलवी जहीर मौलवी एक आलोचक को जवाब दे रहे थे जिन्होंने कहा था कि इस्लामिक नीतियां देश के बुरे हालातों के लिए जिम्मेदार हैं। उनकी मानें तो पाकिस्तान के वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष में उपलब्धियां जीरो हैं। मौलवी जहीर वर्तमान में मरकजी जमीयत अहल ए हदीस के मुख्य आयोजक और कुरान ओ सुन्नत मूवमेंट पाकिस्तान के अध्यक्ष हैं। उनके कई बयान पिछले काफी समय से सुर्खियों में हैं। दिसंबर 2022 में जब तत्कालीन पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार ने तालिबान के साथ मीटिंग की थी तो जहीर ने पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को विदेश नीति पर लेक्चर दिया था। उन्होंने कहा था कि तालिबान से बाचतीत करने के लिए एक महिला की जगह किसी मर्द को भेजना चाहिए था।
भारत के कसीदे पढ़ती दुनिया भारत चंद्रयान-3 के साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। इसके साथ ही दो सितंबर को इसरो ने आदित्य एल1 के साथ ही सोलर मिशन की तरफ भी कदम बढ़ा दिया है। जहां चंद्रयान-3 के लिए पूरी दुनिया से भारत और भारतीय वैज्ञानिकों को तालियां मिलीं तो वहीं सोलर मिशन को भी काफी सराहा जा रहा है।
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