चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री के एक रिप्रजेंटेटिव ने दावा किया है कि अगर अमेरिका या नाटो देश रूस पर हमला करते हैं तो चीन सेना भेजेगा। यह बात ऐसे समय सामने आई है जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा था कि NATO को यूक्रेन में सैनिक भेजने चाहिए।
वहीं, पिछले हफ्ते ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिका को वॉर्निंग देते हुए कहा था- रूस परमाणु जंग के लिए तैयार है और यूक्रेन में अमेरिकी सेना की तैनाती को जंग बढ़ाने के तौर पर देखा जाएगा।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था- यूक्रेन में ग्राउंड ऑपरेशन चलाने की जरूरत
पिछले महीने फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन में सेना उतारने की संभावनाओं को खारिज करने से इनकार कर दिया था। शुक्रवार को उन्होंने फिर से ये बात दोहराई। उन्होंने एक फ्रांसीसी अखबार ला पेरिसियन से कहा- मैं भी नहीं चाहता की ऐसा हो। मैं इसकी पहल भी नहीं करूंगा पर हमें रूसी सेना को खदेड़ने के लिए यूक्रेन में ग्राउंड ऑपरेशन चलाने की जरूरत है चाहे वो जैसे भी हो।
इटली भी बोला- यूक्रेन में नाटो सैनिक भेजे तो विश्व युद्ध होगा
मैक्रों के बयान के बाद इटली ने 17 मार्च को चेतावनी दी कि अगर नाटो ने अपने सैनिक यूक्रेन भेजे तो तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा। इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा- मुझे नहीं लगता है कि नाटो को अपने सैनिक यूक्रेन भेजने चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो ये बड़ी गलती होगी। हमें यूक्रेन की इतनी मदद करनी चाहिए जिससे वो अपनी रक्षा कर सके। यूक्रेन में घुसकर रूस के खिलाफ लड़ने का मतलब तीसरे विश्व युद्ध को न्यौता देना होगा।
न्यूक्लियर पावर से चलने वाला रॉकेट भी बनाएंगे रूस-चीन
इधर, रूस और चीन के बीच नजदीकी बढ़ रही हैं। दोनों देश मिलकर चांद पर परमाणु प्लांट बनाना चाहते हैं। इसके लिए दोनों मिलकर काम भी करेंगे। रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के CEO यूरी बोरिसोव ने कहा था कि 2033-35 में रूस और चीन मिलकर चांद की सतह पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाएंगे।
रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के CEO यूरी बोरिसोव ने कहा था- न्यूक्लियर पावर प्लांट को चांद की सतह तक पहुंचाने के लिए रूस न्यूक्लियर पावर से चलने वाला रॉकेट ज्यूस बनाएगा। ये एक कार्गो रॉकेट होगा और पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा। इसे चलाने के लिए इंसान की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ लॉन्चिंग पर इंसानों को ध्यान देना होगा।
मार्च 2023 में रूस गए थे शी जिनपिंग
19 मार्च 2023 को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 2 दिन के दौरे पर रूस पहुंचे थे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने माना था कि न्यूक्लियर वॉर कभी नहीं होना चाहिए। पुतिन ने कहा था कि चीन के पीस प्लान को जंग खत्म करने के आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। चीन के 12 प्वाइंट के पीस प्लान में सिर्फ बातचीत करने और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही गई।
चीन की वन चाइना पॉलिसी का सपोर्ट करता है रूस
4 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन विंटर ओलिंपिक्स की इनॉगरेशन सेरेमनी के लिए बीजिंग पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि रूस 'वन चाइना पॉलिसी' का समर्थन करता है। चीन वन ताइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा बताता है।
वहीं, दोनों देशों ने एक दूसरे के हितों की रक्षा के लिए सहयोग की बात भी कही थी। इसमें उनकी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और घरेलू मामलों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करना शामिल है।