नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में पैसे लगाने वाले रिटेल निवेशकों की तादाद लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मार्केट रेगुलेटर SEBI चाहता है कि बुल रन में अच्छा रिटर्न पा रहे रिटेल निवेशकों को यह भी पता चलना चाहिए कि उन्हें जो रिटर्न मिल रहा है, उसे पाने के लिए फंड हाउस ने कितना रिस्क लिया है। इस बाबत SEBI ने सुझाव मांगे थे। सूत्रों के अनुसार सेबी जल्द किसी स्कीम के लिए एक्चुअल रिटर्न के साथ में रिस्क-अडजस्टेड रिटर्न (RAR) के बारे में डिस्क्लोजर को जरूरी कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे निवेशकों को निर्णय लेने में सुविधा होगी।
इनफॉर्मेशन रेशो से RAR का पता चलेगा। इसके तहत बेंचमार्क के मुकाबले रिटर्न के अलावा RAR बताना जरूरी होगा। पोर्टफोलियो और बेंचमार्क के रिटर्न के अंतर को अतिरिक्त रिटर्न से डिवाइड कर इनफॉर्मेशन रेशो निकलेगा। अभी RAR डिस्क्लोजर जरूरी नहीं है। वर्तमान में अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स के इसे निकालने के तरीके भी अलग अलग हैं। RAR की जानकारी होने से अलग-अलग म्युचुअल फंडों की तुलना काफी आसानी से हो सकती है। इससे निवेशक रिस्क उठाने की क्षमता वाले फंड चुन सकते हैं। अगर निवेशक ज्यादा जोखिम लेना चाहते हैं तो हाई RAR वाले फंड चुन सकते हैं। अगर सुरक्षित निवेश करना पसंद है तो फिर निवेशक कम RAR और अधिक स्थिर रिटर्न वाला फंड चुन सकते हैं।