यरूशलम। इजरायली सेना ने हमास प्रमुख याह्या सिनवार को मार गिराया। वह 1962 में सिनवार गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में पैदा हुआ था। उसका इजरायल के खिलाफ बहुत ही हिंसक रुख था, इसलिए उसको खान यूनिस का कसाई कहते थे। उसने स्वतंत्र फलस्तीन की स्थापना के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
इजरायल की सेना ने सिनवार को 1990 से कुछ समय पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इजरायली अधिकारियों को पूछताछ में पता चला कि उसने 12 यहूदियों की बहुत ही बर्बरता से हत्या की थी। उसके बाद दो इजरायली सैनिकों को भी मारा था। उसको इजरायल की कोर्ट ने चार उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इजरायल की कैद में सिनवार को ब्रैन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हुई, लेकिन वह बच गया।
हमास के लड़ाकों ने इजरायल से लड़ाई के दौरान एक सैनिक को पकड़ लिया। उसके बाद इजरायल से डील कर 1 सैनिक के बदले याह्मा सिनवार और 999 अन्य कैदियों को भी छुड़ा लिया। बताया जाता है कि 2011 में वह रिहाई के बाद पहली बार गाजा पहुंचा, तो उसका शानदार तरीके से स्वागत हुआ। यहीं से उसकी हमास में पकड़ मजबूत होती चली गई। उसको हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख बना दिया गया। 2016 में वह हमासे के टॉप लीडर्स में से एक था।
सिनवार ने गाजा में हमास के लिए लंबी और जटिल संरचना वाली सुरंगों का जाल बिछाया, जिनका इस्तेमाल कर आतंकी इजरायल के हमलों से बचे रहते थे। वह खुद पिछले एक साल से इन्हीं सुरंगों में परिवार के साथ छिपा हुआ था। इजरायल की सेना भी उसको मार नहीं पा रही थी।