नई दिल्ली. खेल का एक नियम सभी दिग्गज बार बार दोहराते हैं. कभी भी अपने विरोधी को कमजोर नहीं समझना चाहिए ना ही ढिलाई बरतनी चाहिए. भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शायद गलती कर दी और खामियाजा उठाया. जिस टीम को श्रीलंका ने अपने घर पर बच्चा समझकर बुरी तरह से टेस्ट सीरीज में रौंद डाला उसने भारत को उसी के घर आकर मात देकर इतिहास रच दिया. 68 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब कीवी टीम ने भारत को किसी टेस्ट सीरीज में हराया.
भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में मिली हार बड़ा झटका है. जिस टीम को हराकर टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की तरफ कदम बढ़ाने का इरादा रखती थी उसने ही काम बिगाड़ दिया. रोहित शर्मा की टीम को मिली लगातार दो हार से उसके आगे का समीकरण बिगाड़ दिया. अब हर एक मैच करो या मरो का हो गया है. फैंस को इस टेस्ट सीरीज में हार से धक्का पहुंचा है. इसके पीछे की वजह से सभी वाकिफ ही होंगे.
श्रीलंका ने रौंदा और भारत हार गया
भारत के दौरे पर आने से ठीक पहले न्यूजीलैंड की टीम ने श्रीलंका के साथ उनके घर पर जाकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली. रोहित शर्मा के मुकाबले कमतर आंकी जाने वाली टीम ने अपने घर पर शेर ही तरह दहाड़ा. न्यूजीलैंड का क्लीन स्वीप कर उसे टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराकर वापस भेजा. पहले मुकाबले में 63 रन की जीत के बाद दूसरे मैच में तो कीवी टीम को पानी पिला दिया. पारी और 154 रन के बड़े अंतर से मात देकर अपना दम दिखाया.
भारत की हार से खलबली
सवाल यही है कि जिस टीम को श्रीलंका ने अपने घर पर इतनी बुरी तरह से हराया उसने भारत को उसी के घर कैसे धूल चटाया. जहां न्यूजीलैंड के गेंदबाज ने टीम इंडिया के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को पहले ही मैच में पहली पारी में 46 रन पर ढेर कर दिया वहीं भारत के सामने उनके बल्लेबाज 400 से उपर का स्कोर बना गए. दूसरे टेस्ट में भी ऐसा ही नजारा रहा. पहली पारी में भारत 156 और फिर दूसरी पारी में 245 रन पर ढेर हो गया.
मिचेल सैंटनर जिसने आज तक फर्स्टक्लास में कभी एक पारी में 3 विकेट से ज्यादा नहीं झटके थे उसने दोनों पारी में 5-5 विकेट लिए. मैच में कुल 13 बल्लेबाजों को आउट कर खलबली मचा दी. कप्तान रोहित शर्मा चाहे टीम का बचाव करते रहे लेकिन यह हार कहीं ना कहीं न्यूजीलैंड को कम आंकने का नतीजा है.