साल 2003 में वह बी. टेक पास कर गए। इसके बाद उनकी नौकरी रिलायंस इंफोकॉम (Reliance Infocom) में नेटवर्क इंजीनियर के रूप में लग गई। वेतन था साढ़े आठ हजार रुपये। उस समय वह कुछ मस्ती करना चाहते थे, लेकिन उनके बाबूजी को कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने बी. टेक करते ही चट मंगनी पट ब्याह करा दिया। जल्दी शादी हुई तो जल्दी बेटा भी हो गया। लेकिन इस समय तो उनका स्ट्रगल फेज चल रहा था। रिलायंस इंफोकॉम की नौकरी में रास नहीं आया तो उसे छोड़ कर बेंगलोर चले गए। वहां उन्होंने आईटीआई (ITI Limited) में इंजीनियर की नौकरी कर ली। वेतन था 10 हजार रुपये। एक तो वेतन कम, ऊपर से बीवी-बच्चा। बड़ी मुश्किल से गुजारा होता था।
इसी बीच वह नौकरी के लिए इंटरव्यू देते रहे। संयोग से कुछ ही महीने बाद उन्हें नोकिया सीमेंस (Nokia Seimens Networks) में नौकरी मिल गई। वेतन था 60,000 रुपये हर महीने। कहां 10 हजार रुपये की नौकरी और कहां 60 हजार रुपये महीने का ऑफर। वह बताते हैं कि जब उन्हें सीमेंस का अपॉइन्टमेंट लेटर मिला तो पूरी रात नींद नहीं आई। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है। उन्होंने आज तक सीमेंस की सैलेरी स्लिप संभाल कर रखी है। इसके बाद तो उन्होंने फिर मुड़ कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने सुबेक्स कंपनी (Subex Limited) को ज्वॉइन किया। इसने उन्हें कनाडा भेज दिया। वहां साल भर गुजारने के बाद भारत लौटे और ओरेकल (Oracle) ज्वॉइन कर लिया। वहां वह 2014 तक रहे।