इजरायली सेना के लिए काल बनी हमास की कसाम ब्रिगेड, जानें क्यों गाजा में जूझ रही दुनिया की हाइटेक आर्मी
Updated on
31-10-2023 02:13 PM
गाजा: इजरायल और हमास की जंग को तीन हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं। 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले के बाद से गाजा में लगातार ये संघर्ष चल रहा है। इजरायल में हमले करने के पीछे हमास की अलग-अलग शाखाओं का नाम सामने आया है। इसमें एक प्रमुख नाम कसाम ब्रिगेड है। ये हमास की मिलिट्री विंग है। 1992 में बनी इस विंग का काम ही इजरायल से सशस्त्र लड़ाई लड़ना है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से जब सैनिक हमास और उसकी सभी विंग को खत्म करने की कसम खाई गई तो इसका जवाब कसाम ब्रिगेड की ओर से आया। कसाम प्रवक्ता अबू आबदेह ने कहा कि जमीनी आक्रमण हमें डराता नहीं है। हम इजरायल को जवाब देने के लिए तैयार हैं। कसाम की ओर से इस प्रतिक्रिया के बाद सवाल उठ रहा है कि इजरायल से लड़ने का दम भर रही हमास की ये विंग कितनी खतरनाक है और इसकी ताकत क्या है। विश्लेषकों का कहना है कि जमीनी लड़ाई में कसाम के लड़ाके सुरंगों के नेटवर्क का इस्तेमाल करके इजरायली सैनिकों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
कसाम ब्रिगेड कब और क्यों बनी
हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया यानी हमास का गठन शेख अहमद यासीन ने 1987 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के तौर पर किया था। हमास के गठन के कुछ साल में ही इसकी लोकप्रियता फिलीस्तीन में हो गई। इसके बाद इसकी एक आर्मी विंग बनाने का फैसला लिया गया। हमास ने फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जे के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई लड़ने के लिए 1992 में अपनी सैन्य इकाई कसाम ब्रिगेड की स्थापना की। जिसका नाम सीरियाई स्वतंत्रता सेनानी एजेदीन अल-कसम से लिया गया है।
कसाम ब्रिगेड को गाजा के सबसे बड़े और सबसे सुसंगठित सशस्त्र समूह के तौर पर जाना जाता है। कसाम का सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ और डिप्टी कमांडर मारवान इस्सा है।कसाम ब्रिगेड अपने गठन के बाद से ही इजरायल के खिलाफ हमलों को अंजाम देता रहा है। उसने इजरायल को नुकसान पहुंचाने के लिए कई आत्मघाती हमले भी किए हैं। इजरायली सेना को 2002 में उस समय बड़ी सफलता मिली, जब उसने हवाई हमले में कसाम ब्रिगेड के संस्थापक नेता सलाह शहादेह को मार डाला। हालांकि जल्दी ही संगठन ने फिर से खुद को मजबूत कर लिया।
कसम ब्रिगेड कितनी मजबूत है?
सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुसार, कसाम ब्रिगेड में 20,000 से 25,000 मेंबर हैं। ब्रिगेड के सदस्यों की संख्या पर कई अलग-अलग दावे भी किए जाते रहे हैं। इस सशस्त्र समूह के पास बंदूके और हथगोलों के अलावा और रॉकेटों की बड़ी खेप होने की बात कही जाती है। हालांकि इस ब्रिगेड की सटीक ताकत का अंदाजा किसी को नहीं है। इसको ईरान से पैसा मिलता रहा है, जिससे इसने अपनी सैन्य क्षमताएं बेहतर की हैं।
कसम ब्रिगेड की सैन्य गतिविधियां
अमेरिकी विदेश विभाग की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कसाम ब्रिगेड और दूसरे फिलीस्तीन के दूसरे सशस्त्र समूहों ने 2021 में इजरायल के साथ टकराव में 4,400 से ज्यादा रॉकेट लॉन्च किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कसाम ब्रिगेड के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, रॉकेट लॉन्चर, एंटीटैंक मिसाइल और मोर्टार जैसे हथियार हैं। कसाम ने उन्नत किस्म के रॉकेट और ड्रोन भी हासिल कर लिए हैं। हालांकि ये ब्रिगेड किसी सीधी लड़ाई की बजाय गाजा की सुरंगों के नेटवर्क का इस्तेमाल ज्यादा करता है। सुरंगों के नेटवर्क के इस्तेमाल में इसकी महारत को देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इसके लड़ाके इजरायल के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
कराची में 12 मई को हजारों कट्टरपंथी नेताओं और आतंकवादियों ने पाकिस्तान सेना के समर्थन में रैली की। इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अहले सुन्नत वल जमात शामिल थे।…
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को पंजाब प्रांत के सियालकोट पसरूर छावनी में पाकिस्तानी सैनिकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने भारत के अहंकार को…
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। लेकिन शुरुआत में पश्चिमी देशों के अखबार ऐसा लग रहा था कि वो…
वॉशिंगटन/अंकारा: भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलने वाले तुर्की के साथ अमेरिका ने एयर-टू-एयर मिसाइल बेचने का सौदा किया है। पाकिस्तान से लेकर गाजा तक कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने वाले तुर्की…
इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान फिलहाल युद्धविराम समझौते के लिए तैयार हो गये हैं। जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अरब इस्लामिक देशों को फोन लगा रहे हैं, जिन्होंने…
मॉस्को/नई दिल्ली: भारत के घरों में सालों से ये कहानी सुनाई जाती रही है कि 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में रूस ने कैसे हमारी मदद की थी। भारतीय जनमानस…
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने कभी अपने इस्लामी आधार को लेकर कभी कोई संकोच नहीं दिखाया है। पाकिस्तानी सेना के भारत के खिलाफ हालिया ऑपरेशन 'बुनयान उल मरसूस' का नाम इसका ताजा उदाहरण है।…
वॉशिंगटन: भारत ने उन तमाम रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में संवेदनशील परमाणु स्थलों पर बमबारी की गई थी। लेकिन…
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत के ऑपरेशन सिन्दूर में पाकिस्तान में कितनी तबाही मचाई है, उसकी रिपोर्ट अब आ गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के हमलों में पाकिस्तान के…