पाकिस्तान में रविवार रात अज्ञात बंदूकधारियों ने 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना बलूचिस्तान के मूसाखेल जिल में हुई है। मरने वाले सभी लोग मुसाफिर थे। हमलावरों ने पहले हाईवे को ब्लॉक किया। इसके बाद बस रोककर लोगों की तशाली लेना शुरू कर दिया। वे लोगों के ID कार्ड चेक कर रहे थे। फिर एक-एककर उन्हें गोली मार दी।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक मरने वालों में 20 लोग पंजाब, जबकि 3 बलूचिस्तान के रहने वाले थे। मूसाखेल के पुलिस अधिकारी नजीब काकर ने बताया कि बंदूकधारियों ने राराशम इलाके में हाईवे को बंद कर आने-जाने वाले गाड़ियों से पूछताछ कर रहे थे।
हमलावरों ने यात्रियों के आईडी कॉर्ड चेक करके उन्हें गोली मारी। वारदात के बाद वे 12 गाड़ियों को आग लगाकर पहाड़ियों के रास्ते भाग निकले।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली हमले की जिम्मेदारी
मूसाखेल के सीनियर एसपी अयूब खोसो ने कहा कि एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन ने इस घटना को अंजाम दिया। हालांकि उन्होंने इसकी पहचान नहीं बताई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि लोगों की जातीय पहचान जानने के बाद उन्हें मारा गया।
इस बीच उग्रवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक पत्रकार को ई-मेल कर हमले की जिम्मेदारी ली है।
पाकिस्तानी PM शरीफ ने हमले की निंदा की
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को कड़ी सजा दी जाएगी। देश में किसी भी प्रकार का आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी आतंकवाद की इस घटना की निंदा की है। बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार आतंकवादियों का पीछा करेगी।
अप्रैल में ऐसे ही हमले में पंजाब के 9 लोगों को गोली मारी थी
इस हमले से पहले अप्रैल में भी ऐसा ही एक हमला हुआ था, जिसमें लोगों की पहचान कर गोलियां मारी गईं। तब बलूचिस्तान के नुश्की के पास आईडी कॉर्ड चेक करने के बाद 9 लोगों को गोली मार दी गई थी। मारे गए लोग पंजाब से थे।
2023 के अक्टूबर में अज्ञात हमलावरों ने केच जिले के तुरबत में पंजाब के 6 मजदूरों को गोली मार दी थी। इसी तरह की एक घटना 2015 में हुई थी जब बंदूकधारियों ने तुर्बा के पास एक मजदूर शिविर पर हमला करके 20 मजदूरों की हत्या कर दी थी।