नई दिल्ली। बहुराष्ट्रीय टेक दिग्गज गूगल नए बिलिंग सिस्टम से भारतीय ऐप डेवलपर को छह महीने की और राहत दी है। लेकिन जिस तरह से कंपनी मार्च 2022 से 30 फीसदी कमीशन वसूलने को लेकर दृढ़ है उसे लेकर भारतीय स्टार्टअप में काफी नाराजगी है। पहले गूगल ने 30 फीसदी का कमीशन लगाने का निर्णय 30 सितंबर 2021 से ही लागू करने का ऐलान किया था। मामले पर एक भारतीय ऐप के अधिकारी ने कहा, 'फीस का टालना ही काफी नहीं है। हम उनकी मांग को पूरा नहीं करने वाले। इस सबसे बड़े ऐप स्टोर के मालिक को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए।
गूगल का कहना है कि वह भारतीय डेवलपर्स से 31 मार्च, 2022 से इन-ऐप परचेज पर 30 फीसदी का कमीशन लेगी। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले प्ले स्टोर नीतियों के उल्लंघन का आरोप लगाकर गूगल ने भारत के टॉप पेमेंट ऐप पेटीएम को कुछ समय के लिए डाउन कर दिया था। इसकी पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा और कई अन्य उद्यमियों ने कड़ी आलोचना की थी। अब पेटीएम ने एक मिनी ऐप बैंक का विकास किया है, जिसको लेकर गूगल से उसकी उलझन और बढ़ेगी। हालांकि पेटीएम का कहना है कि यह उसका एक फीचर मात्र है और यह कोई ऐप स्टोर नहीं है। गौरतलब है कि करीब 99 फीसदी भारतीय स्मार्टफोन गूगल के ऐंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। कई भारतीय स्टार्टअप का कहना है कि गूगल इस पर बहुत ज्यादा नियंत्रण रखता है और वे किस तरह के ऐप होंगे, किस तरह की सेवा देंगे, सब पर अपना नियंत्रण रखने की कोशिश करती है। हालांकि गूगल इससे इंकार करती रही है। एक ऐप डेवलपर का कहना है कि जब क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर भी सिर्फ 2 फीसदी का चार्ज लगता है तो भला गूगल के ऐप से बिक्री पर 30 फीसदी का कमीशन लगाना कहां तक उचित है? भारतीय स्टार्टअप एकजुट होकर गूगल को चुनाती देने की तैयारी कर रहे हैं। इसबीच गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, हम तब तक सफल नहीं हो सकते, जब तक हमारे पार्टनर सफल नहीं होते। गूगल ने कहा कि अब दुनिया में सिर्फ 3 फीसदी ऐप ऐसे बचे हैं, जो उसकी नीतियों का पालन नहीं कर रहे।