होमबायर्स के लिए अच्छी खबर, अब नहीं लगाने होंगे बिल्डर्स के चक्कर, RERA ने कर दी खास व्यवस्था
Updated on
24-08-2023 01:35 PM
नई दिल्ली: अब फ्लैट खरीदने वाले लोगों को विभिन्न जानकारियों के लिए प्राइवेट बिल्डरों के पास जाने की जरूरत नहीं रहेगी। दिल्ली की रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने सभी बिल्डरों को हर प्रोजक्ट के लिए अलॉटी ग्रीवांस सेल (Allottee Grievance Cell) बनाने के निर्देश दिए हैं। इस ग्रीवांस सेल से मकान खरीदने के इच्छुक और अलॉटियों को सभी सवालों के जवाब मिलेंगे। दिल्ली रेरा ने इसके लिए बिल्डरों को आदेश भी जारी कर दिए हैं। आदेशों के मुताबिक बिल्डरों को हर प्रोजक्ट के लिए एक अलॉटी ग्रीवांस ऑफिसर रखने को कहा गया है। इस ऑफिसर के पास एक फोन रहेगा और यह लोगों की प्रोजक्ट से जुड़ी सभी समस्याओं का हल करेगा। यह भी कहा गया है कि हर प्रोजक्ट की कंस्ट्रक्शन साइट पर अलॉटी ग्रीवांस ऑफिसर, अलॉटी ग्रीवांस सेल, इनके फोन नंबर, रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा।
रेरा का गठन ही बिल्डरों के खिलाफ उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई के लिए किया गया है। लेकिन अब रेरा ने ही सभी बिल्डरों को शिकायतों की सुनवाई के लिए अपने-अपने ग्रीवांस (शिकायत निवारण) सेल का गठन करने के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद ये है कि उपभोक्ताओं की छिटपुट शिकायतों का बिल्डरों के ग्रीवांस सेल ही निपटारा कर दें। इससे एक तरफ रेरा पर काम का दबाव कम होगा तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं की छिटपुट समस्याओं का भी जल्द निवारण हो सकेगा। अगर उपभोक्ता रेरा में छिटपुट मामलों की भी शिकायत करते हैं तो उसकी सुनवाई में वक्त लग सकता है। वैसे ये व्यवस्था तो रहेगी ही कि अगर बिल्डर का ग्रीवांस सेल शिकायत का निवारण नहीं करता तो उपभोक्ता रेरा में शिकायत कर सकते हैं।
कितना लगेगा जुर्माना
जानकारी के अनुसार, तीन सदस्यों की इस अथॉरिटी में आनंद कुमार (रेरा चेयरमैन), अजय कुहर और देवेश सिंह शामिल हैं। इन्होंने बिल्डरों को इन आदेशों का पालन हर हाल में 30 सितंबर 2023 तक करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि यदि इन आदेशों का पालन नहीं हुआ तो इसे एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और सेक्शन 61 एक्ट के तहत बिल्डर पर जुर्माना लगाया जाएगा। रेरा ने उन प्रोजेक्ट्स के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर रखा है जिनका डेवलप्ड एरिया 500 वर्ग मीटर से ज्यादा है। लेकिन इसके बावजूद कई बिल्डर प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन से बच रहे हैं।
रेरा का कहना है कि ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन पर प्रोजेक्ट कॉस्ट का पांच फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। दिल्ली रेरा ने 2017 से 2021 के बीच 160 शिकायतों का निपटारा किया और 2022 में 150 शिकायतें निपटाई। दिल्ली में केवल 89 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं जो देश में सबसे कम हैं। दक्षिण दिल्ली में कई बिल्डर्स के 800 से 1000 वर्ग मीटर के प्लॉट डेवलप कर रहे हैं लेकिन उन्होंने रेरा में इनका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
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