नई दिल्ली । यूपी सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों में समूह ख के पदों पर भी आरक्षण देने का फैसला किया है। समूह ख के पदों पर पांच फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी भारतीय सेना के तीनों अंगों-थल, जल एवं वायु के भूतपूर्व सैन्य कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से भारतीय सेना के भूतपूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और उनके परिवार को प्रभावी संबल मिलेगा। उत्तर प्रदेश वो प्रदेश है जहां से सर्वाधिक लोग सेना में जाते हैं। राज्य में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक निवास करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए संवेदनशील है। प्रवक्ता के मुताबिक यूपी के मूल निवासी भारतीय सेना, केंदीय अर्द्ध सैन्य बलों, प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों के शहीद के परिवार को दी जा रही 25 लाख रुपये की सहायता बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जा चुकी है। राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को नौकरी देने की व्यवस्था भी की है। इस संबंध में सशस्त्र सेना के तीनों सेनाओं और अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत रहते हुए कर्तव्यपालन के दौरान 1 अप्रैल 2017 के बाद शहीद होने वाले सैनिकों व अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को शासकीय सेवा में लिए जाने का फैसला किया गया। इसके लिए 19 मार्च 2018 को उत्तर प्रदेश के मूल निवासी शहीद सैनिकों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में कार्यकारी आदेश जारी किया गया। इससे पूर्व, शहीद सैनिकों एवं अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को शासकीय सेवा में लिए जाने की व्यवस्था नहीं थी। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के वीरता पुरस्कारों से सम्मानित पदक विजेताओं को एकमुश्त व वार्षिकी उच्च दरों से दी जा रही है।