अध्ययन के मुताबिक, बाद में क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना दस लाख में एक से भी कम है, लेकिन वीगर्ट ने कहा कि प्रभाव का जोखिम बना हुआ है। वीगर्ट इसकी एक प्रमुख वजह बताते हुए कहते हैं कि मई 2021 से अपोफिस पर दूरबीनों के जरिए बड़े पैमाने पर निगरानी नहीं रखी गई है। पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति के चलते 2027 तक ऐसा ही रहेगा। वैज्ञानिक इसके टकराव की संभावना बहुत कम बता रहे हैं, लेकिन यह हाल के इतिहास में पृथ्वी के इतने करीब से गुजरने वाले सबसे बड़े एस्टेरॉयड में से एक बना हुआ है।