अम्बिकापुर। महामना मालवीय मिशन, सरगुजा के तत्वावधान में 11 मई रविवार को गीता पाठ एवं आध्यात्मिक संगोष्ठी का आयोजन श्री अशोक सोनकर वरिष्ठ लेखापाल के निवास पर किया गया । इस अवसर पर गीता के सत्रहवें अध्य्याय एवं हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ कर लोक कल्याण की कामना की गई । आध्यात्मिक संगोष्ठी में सर्वप्रथम अपने विचार प्रकट करते हुए गीता मर्मज्ञ ललित मोहन तिवारी ने कहा कि ईश्वर अन्तर्यामी है, सम्पूर्ण सत्ता उसी के हाथ में है । ज्ञान से श्रद्धा की ओर उन्मुख करना गीता का उद्देश्य है । यह हमें इन्द्रिय विकारों से मुक्त करती है । उन्होंने सात्विक, राजसी,तामसिक वृत्तियों का विस्तार से वर्णन किया । शिक्षाविद दुर्गा प्रसाद तिवारी ने आध्यात्म को स्वभाव से जोड़ते हुए संचित विचारों के अनुरूप कार्य करते हुए भोजन का व्यक्ति के स्वभाव पर असर को संदर्भ सहित व्याख्या किया । उन्होंने कहा कि अन्तःकरण की पवित्रता और मन साफ रख कर काम करना तपस्या से कम नहीं है । यही वास्तव में ईश्वर प्राप्ति का सरल मार्ग है । राजकुमार गुप्ता ने श्रद्धा के स्वरूप तथा ब्रम्हनाद ॐ शब्द की विस्तार से व्याख्या की । इस अवसर पर मालवीय मिशन के सदस्यों द्वारा देश के वीर सैनिकों के शौर्य की प्रशंसा और शहीदों को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । तथा राष्ट्र के आंतरिक शान्ति और सुरक्षा के लिए सारे भेदभाव मिटा कर हर भारतवासी को आज एक होने तथा राष्ट्र हित में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया । अंत में गीता आरती तथा प्रसाद वितरण किया गया । आयोजन में आर.एन. अवस्थी. राजकुमार गुप्ता,प्रकाश कश्यप, अशोक सोनकर, जयप्रकाश चौबे, सचिदानंद पांडेय, रामबदन राम,बिसुनधारी राम,विद्या सोनकर, रिया,श्रेया, राहुल सोनकर तथा अन्य गीता प्रेमी उपस्थित थे । आभार प्रदर्शन पं. राज नारायण द्विवेदी ने किया।