जर्मनी ने अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर चीन को दिया जोर का झटका, धरी रह गई ड्रैगन की उम्मीदें
Updated on
05-07-2024 04:30 PM
नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब यूरोप के साथ भी चीन का पंगा बढ़ने लगा है। यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी ने अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर चीन को एक और जोर का झटका दिया है। चीन ने दिग्गज ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन की एक सहयोगी कंपनी को खरीदने के लिए एक डील की थी। लेकिन जर्मन सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस डील को रोक दिया। यह फैसला ऐसे समय आया है जबकि यूरोपीय यूनियन ने हाल में चीन की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर टैरिफ बढ़ा दिया था। चीन ने भी बदले की कार्रवाई करते हुए यूरोप से होने वाले सुअर के मांस की कीमतों पर जांच शुरू कर दी। इस तरह दोनों पक्षों के बीच विवाद की शुरुआत हो चुकी है।
फॉक्सवैगन ग्रुप की कंपनी MAN Energy Solutions ने पिछले साल जून में कहा था कि वह अपने गैस टर्बाइन बिजनस को चीन की सरकारी कंपनी CSIC Longjiang GH Gas Turbine Co (GHGT) को बेच रही है। जर्मन सरकार ने पिछले साल सितंबर में इसकी समीक्षा शुरू की थी। इसमें आशंका जताई गई है कि चीन गैस टर्बाइन का इस्तेमाल वॉरशिप में कर सकता है। जर्मनी के इकॉनमी मिनिस्टर रॉबर्ट हैबेक ने कहा कि उनका देश विदेशी निवेश का स्वागत करता है लेकिन पब्लिक सिक्योरिटी से जुड़ी टेक्नोलॉजी ऐसे देशों के हाथ नहीं पड़नी चाहिए जिनके आपके साथ हमेशा अच्छे संबंध नहीं रहते हैं। देश की इंटीरियर मिनिस्टर नैंसी फेजर ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
चीन की प्रतिक्रिया
जर्मनी का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर चीन है। पिछले साल दोनों देशों के बीच $275.3 अरब का ट्रेड हुआ। लेकिन हाल के वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आई है। जर्मनी स्थानीय मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा दे रहा है और चीन पर निर्भरता कम कर रहा है। नवंबर, 2022 में जर्मनी ने अपनी एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री की चीन की टेक कंपनी को बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसमें भी सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने जर्मन सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह सामान्य कमर्शियल संबंधों के राजनीतिकरण के खिलाफ है।
नई दिल्ली: कथित तौर पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोप में घिरे गौतम अडानी को लेकर पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि…
नई दिल्ली: कोका कोला और पेप्सी के बाद अब मुकेश अंबानी ने पारले और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों की टेंशन बढ़ा दी है। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब ब्रिटानिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर ,…
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के हाथ से बड़ी तेल रिफाइनरी लगभग फिसल गई है। यह रिफाइनरी रत्नागिरी में लगाई जानी थी। अब सरकार ने इसे यहां लगाने ने लगभग मना कर दिया…
नई दिल्ली: शेयर मार्केट कब किसे रातों रात करोड़पति बना दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। कई बार यह तगड़ा नुकसान भी कर देती है। पिछले महीने यानी अक्टूबर का आखिर…
नई दिल्ली: ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल आज बहुत खुश होंगे। कारण है एक डिसीजन से उनकी कंपनी के शेयर में आई बंपर तेजी। आज बुधवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर…
नई दिल्ली: अमेरिका की नीतियों में बदलाव और चीन की अनिश्चित विकास दर के चलते 2025 में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुश्किल समय आने वाला है। जेपी मॉर्गन ने अपनी वार्षिक…