पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी ने बेटे बिलावल को बताया अनुभवहीन, 2024 के चुनाव पर भी कर दिया बड़ा दावा
Updated on
24-11-2023 02:03 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि अगले साल हो जा रहे आम चुनाव के बाद कोई भी पार्टी अकेले दम पर सरकार नहीं बना पाएगी। किसी एक पार्टी को बहुमत का आंकड़ा यानी 172 सीटें नहीं मिलेंगी, ऐसे में 8 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद देश में सरकार गठबंधन की बनने जा रही है। अपने बेटे और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के प्रचार अभियान पर हुए सवाल पर उन्होंने कहा कि उसको अभी अनुभव की कमी है। बिलावल की ओर से चुनाव प्रचार में पुराने राजनेताओं को लगातार मैदान से हट जाने के लिए कहा जा रहा है।
बिलावल भुट्टो अपनी रैलियों में पीएमएलएन पर हमलावर हैं लेकिन नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएलएन चुनाव प्रचार में पीपीपी नेताओं पर हमले करने से बच रही है। पीएमएलएन के इस रुख का जरदारी ने स्वागत करते हुए कहा कि ये उनकी अच्छी कोशिश है, जिससे एक अनुकूल माहौल बनता है। यह बेहतर है कि हर कोई एक-दूसरे का सम्मान करे ताकि चीजें सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें। ऐसी भी संभावना है कि भविष्य में गठबंधन बनेंगे।
बिलावल को कहा अनुभवहीन
बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी चुनावी रैलियों में बुजुर्ग राजनेताओं के कामकाज की शैली को देश के लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। वह लगातार कह रहे हैं कि राजनीति में बूढ़े हो चुके लोग अब जवानों को मौका दें। इस पर जरदारी ने कहा कि बिलावल काफी प्रतिभाशाली हैं लेकिन अनुभवहीन हैं। उन्हें तजुर्बा हासिल करने में कुछ समय लगेगा। जरदारी ने कहा कि कहा कि नई पीढ़ी की अपनी मानसिकता है, उनको लगता है कि बड़े लोग कुछ नहीं जानते लेकिन ये सच नहीं है। राजनीति में लोग समय के साथ सीखते हैं और ये बहुत जरूरी है। पार्टी में ज्यादा ताकतवर होने की बात पर जरदारी ने कहा कि उनकी पार्टी के अंदर दो पार्टियां हैं- पीपीपी और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी पार्लियामेंटेरियन्स (पीपीपीपी)। बिलावल पीपीपी प्रमुख हैं जबकि वह पीपीपीपी के अध्यक्ष हैं। चुनाव में टिकट देने के लिए वह अधिकृत हैं। ऐसे में बिलावल के लिए टिकट जारी करने का अधिकार भी उनके ही पास है।
आसिफ अली जरदारी ने इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद 16 महीने तक शाहबाज शरीफ के साथ सरकार चलाने के अनुभव पर भी बात की। अपने फैसले को देशहित में जरूरी करार देते हुए जरदारी ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कामकाज से शुरू में प्रभावित थे लेकिन उनके साथ सरकार चलाना बहुत आसान नहीं रहा। शहबाज ने उनके कई प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जिसके कारण देश के लोगों का नुकसान हुआ। वह पूर्व पीएम पर दबाव नहीं बना पाए क्योंकि संसद में पीएमएल-एन के पास उनकी पार्टी से ज्यादा सीटें हैं।
नई दिल्ली/मास्को/ बीजिंग: चीन से जैसे महाशक्तिशाली दुश्मन से घिरे भारत ने भी आखिरकार हाइपरसोनिक मिसाइलों की दुनिया में बहुत बड़ी सफलता हासिल कर ली है। भारत ने करीब 1500 किमी…
यरुशलम: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सीजेरिया स्थित आवास पर हमला हुआ है। इजरायल की आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट और पुलिस ने शनिवार शाम को बताया कि सीजेरिया में नेतन्याहू…
तेहरान: ईरान ने गुप्त रूप से अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी को चुन लिया गया है। बीमार चल रहे 85 वर्षीय अली खामेनेई के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई…
ढाका: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में सत्ता संभालने के बाद मोहम्मद यूनुस ने वादा किया था कि वह देश में अल्पसंख्यकों और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हो…
लीमा: चीन ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से ठीक पहले बड़ा कदम उठाया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के पड़ोसी लैटिन अमेरिका महाद्वीप में एक…
बीजिंग: चीन के वैज्ञानिकों ने पहली बार चंद्रमा के सुदूर हिस्से के रहस्य को सुलझाने का कारनामा कर दिखाया है। पहली बार चीनी वैज्ञानिक और उनके अमेरिकी सहयोगी चंद्रमा के दूर…
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और चीन के बीच बलूचों के हमलों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। बलूच विद्रोही चाइना पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) को बनाने में लगे चीनी इंजीनियरों पर लगातार…
तेहरान: ईरान ने हालिया वर्षों में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया है। सैन्य महत्वाकांक्षाओं के साथ-साथ ईरान ने अंतरिक्ष में भी अपनी क्षमताओं को दिखाया…
लाहौर । पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मुल्क में न्यूनतम भत्ता बढ़ाने की मांग की है। एडवोकेट फहमीद नवाज अंसारी का दावा है…