पाकिस्तान में PTI ने पूर्व मंत्री फवाद चौधरी को पार्टी से निकाल दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दाएं हाथ कहे जाने वाले फवाद ने पिछले साल 9 मई की हिंसा के बाद राजनीति से ब्रेक ले लिया था। हालांकि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी थी। अब एक साल से अधिक वक्त बीत जाने के बाद PTI ने उन पर एक्शन लिया है।
पाकिस्तानी वेबसाइट AYR न्यूज के मुताबिक PTI के सेंट्रल इन्फॉर्मेशन सेक्रेटरी रऊफ हसन ने कहा कि फवाद चौधरी के अलावा इमरान इस्माइल, अली जैदी को भी पार्टी से निकाल दिया गया है। ये फैसला पार्टी ने सुप्रीमो इमरान खान के आदेश के बाद लिया है।
अब कभी PTI में नहीं होगी एंट्री
रिपोर्ट के मुताबिक PTI कोर कमेटी ने एक रिजोल्यूशन पास कराया है। इसके मुताबिक अब कभी भी इन मंत्रियों की पार्टी में वापसी नहीं होगी। रऊफ हसन ने कहा, "इन व्यक्तियों द्वारा शुरू की गई बयानबाजी का हमने जवाब दिया, लेकिन PTI नेता इमरान खान ने अब हमें किसी भी बयान का जवाब न देने का निर्देश दिया है।"
रऊफ हसन ने जोर देकर कहा कि इन सभी मंत्रियों को पिछले साल गिरफ्तारी के बाद सरकार VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। इनमें से किसी को भी परेशान नहीं किया गया। रऊफ ने इन नेताओं की रिहाई पर भी चिंता जताई और कहा कि ये PTI को कमजोर करने का एक प्रयास है।
जेल से निकलने के बाद नरम पड़े तेवर
फवाद चौधरी को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। 5 महीने बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्हें भ्रष्टाचार समेत 28 मामलों में आरोपी बनाया गया था। जेल से रिहा होने के बाद फवाद चौधरी PTI नेतृत्व की आलोचना करने लग गए थे। इसके बाद उन पर आरोप लगा कि वे शहबाज सरकार के दबाव में बोल रहे हैं।
मंगलवार को जिओ न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की करेंट लीडरशिप की वजह से ही इमरान खान जेल से रिहा नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि PTI के मौजूदा नेता राजनीति करना नहीं जानते हैं। उनकी वजह से पार्टी डूब रही है।
फवाद चौधरी ने पिछले दिनों ये भी कहा था कि वे PTI में शामिल होने के लिए बेताब हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि वे पार्टी में रहे या नहीं, वो इमरान खान के साथ रहेंगे। फवाद चौधरी ने ये भी कहा कि अगर उन्हें इमरान खान का साथ छोड़ना होता तो वे किसी और पार्टी से अब तक सांसद बन चुके होते।
मोदी सरकार के खिलाफ की थी बयानबाजी
भारत में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान फवाद चौधरी भारत के चुनाव पर बयानबाजी कर खूब चर्चा में रहे थे। उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत में हो रहे आम चुनाव में नरेंद्र मोदी हार जाएं। फवाद ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के रिश्ते तभी सुधरेंगे, जब दोनों देशों में अतिवाद कम होगा।