शहर में बड़े स्तर पर पौधरोपण करने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि इन पौधों को समाधि खाद (मृत गोवंश के शरीर से बना खाद) से पोषित किया जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए शहर के अलग अलग हिस्सों में करीब 15 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है। राम आस्था मिशन फाउंडेशन की ओर से इन स्थानों पर पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए संस्था और प्रशासन के बीच करार किया गया है।
यहां होगा पौधरोपण : सूखीसेवनिया स्थित गोशाला समेत एयरपोर्ट क्षेत्र, कलियासोत, केरवा डेम, ग्राम पंचायत बर्रीखेड़ा बैरसिया में मियाबाकी पद्धति से घने जंगल तैयार किए जाएंगे। पहले कभी इन स्थानों पर झाड़ के घने जंगल हुआ करते थे। यहां गीले कचरे, जलकुंभी, मंदिरों से निकलने वाले फल-फूल के वेस्ट, गोशालाओं के जैविक खाद व मृत पशुओं के शरीर के उपयोग से बने समाधि खाद का उपयोग किया जाएगा।
उच्च कोटि का होता है समाधि खाद, सालभर में होता है तैयार
ऐसे बनता है समाधि खाद... 5 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें नमक बिछाते हैं। इसके ऊपर गोवंश का शव रखकर ऊपर फिर नमक डालकर मिट्टी से ढंक दिया जाता है। सालभर में शव हडि्डयों समेत गल जाता है। यूं तैयार खाद को समाधि खाद कहते हैं। यह बेहद उच्च कोटि का खाद होता है। गर्मी के इन महीनों में जमीन के साथ ही साथ पौधे भी तैयार किए जाएंगे, जैसे ही बारिश का मौसम आएगा पौधरोपण शुरू कर दिया जाएगा।
शहर और आसपास हरियाली को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने हैं। इसके लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। इस दौरान समाधि खाद का भी उपयोग किया जाएगा। -कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर