विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत में अमेरिकी राजदूत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत भी दूसरे देशों की तरह ही अपनी रणनीतिक आजादी को महत्व देता है। इससे पहले एक कार्यक्रम में अमेरिकी राजदूत गार्सेटी ने भारत-रूस रिश्ते पर टिप्पणी की थी जिसके जवाब में प्रवक्ता जायसवाल ने प्रतिक्रिया दी है।
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिकी राजदूत को अपनी राय रखने का अधिकार है। ठीक उसी तरह हमारे भी अपने और अलग विचार हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ हमारी दोस्ती हमें एक-दूसरे के नजरिये का सम्मान करने की आजादी देती है। इसमें हम एक दूसरे के कई मुद्दों पर सहमत भी हो सकते हैं और असहमत भी।
भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे पास चर्चा करने के लिए कई सारे मुद्दे हैं। हम इन मुद्दों पर एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और उन पर चर्चा करते हैं जो दोनों पक्षों के हित में हो। इसके साथ ही जायसवाल ने कहा कि हम डिप्लोमेटिक बातचीत शेयर नहीं करते हैं।
अमेरिकी राजदूत ने कहा था- दोस्ती को हल्के में न लें
पिछले हफ्ते भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने नई दिल्ली में एक डिफेंस कॉन्क्लेव को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध काफी गहरे और मजबूत हैं मगर ये उतना भी मजबूत नहीं है कि इसे हल्के में लिया जाए।
अमेरिकी राजदूत ने ये भी कहा था कि भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पसंद करता है लेकिन जंग के मैदान में इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा था कि अब दुनिया आपस में जुड़ी हुई है। अब कोई युद्ध दूर नहीं है, इसलिए हमें न सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना होगा बल्कि अशांति पैदा करने वाले देशों पर कार्रवाई भी करनी होगी।
अमेरिकी राजदूत ने कहा था कि यह ऐसी बात है जिसे अमेरिका और भारत को मिलकर समझना होगा। हम दोनों के लिए यह याद रखना जरूरी है कि हम इस रिश्ते में जैसा निवेश करेंगे, हमें वैसा ही परिणाम मिलेगा।
अमेरिकी राजदूत बोले- दोनों देशों को भरोसेमंद साथी की जरूरत
अमेरिकी राजदूत ने ये भी कहा था कि वह इस कार्यक्रम में भाषण देने नहीं आए हैं, बल्कि वह यहां सुनने, सीखने और साझा मूल्यों को याद दिलाने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने भारत-अमेरिका के संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि भारत, अमेरिका के साथ अपना भविष्य देखता है और अमेरिका भी भारत के साथ अपना भविष्य देखता है।
अमेरिकी राजनयिक की इस टिप्पणी को हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा से जोड़कर देखा गया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने 8 जुलाई को रूस दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी।