भोपाल के रवींद्र भवन की पार्किंग में 15 साल की नाबालिग से रेप का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत मऊगंज में हुई है। जहां से रिपोर्ट श्यामला हिल्स थाने में ट्रांसफर की गई है। इस बीच, सोमवार को आरोपी भगवान सिंह ने वीडियो जारी कर कहा कि वह आरटीआई एक्टिविस्ट है और षड्यंत्र के तहत उसे फंसाने के लिए बच्ची को टूलकिट बनाया है।
घटना 30 जनवरी की रात की है। भोपाल के डीसीपी जोन-2 रियाज इकबाल ने बताया कि फरियादी पक्ष 1 मार्च को मऊगंज पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने पहुंचा था। शिकायत संदिग्ध लगने के बाद वहां की पुलिस ने उन्हें भोपाल भेजा। भोपाल की श्यामला हिल्स पुलिस ने काउंसलरों की मौजूदगी में बच्ची के बयानों को दर्ज किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
भोपाल में मजदूरी करते हैं नाबालिग के पिता एएसपी मऊगंज अनुराग पांडेय ने बताया, मऊगंज में जीरो पर FIR दर्ज करने के बाद केस डायरी को सोमवार को भोपाल ट्रांसफर कर दिया गया है। श्यामला हिल्स पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मऊगंज पुलिस के मुताबिक नाबालिग के पिता भोपाल में मजदूरी करते हैं। रवींद्र भवन में लोकरंग महोत्सव के समय उनके परिचित की दुकान लगी थी।
पिता ने बताया कि परिचित मदद के लिए बेटी को साथ ले गए थे। वहां भगवान सिंह आया। भीड़ ज्यादा थी, उसने बेटी को पहले बहलाया-फुसलाया और फिर पार्किंग में ले जाकर दुष्कर्म किया। आरोपी ने बेटी को जान से मारने की धमकी भी दी।
बेटी की तबीयत बिगड़ने पर जब डॉक्टर के पास ले गए, तब मामले का खुलासा हुआ। श्यामला हिल्स थाने पहुंचे तो सुनवाई नहीं की गई। इसके बाद बेटी को मऊगंज भेज दिया, जहां मामला दर्ज कराया गया।
आरटीआई एक्टिविस्ट बोला- रसूखदार फंसा रहे इस बीच, सोमवार (3 मार्च) को आरोपी भगवान सिंह का एक वीडियो सामने आया है। इसमें उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि मैं सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट हूं। जन कल्याणी कार्यों के चलते कई लोगों से रंजिश है। साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। थाने में जिस समय घटना होने की बात की गई है, तब शाम 4 बजे मैं ईडी ऑफिस में और 7 बजे 7 नंबर स्टॉप पर था।
पहले भी हो चुकी है मारने की कोशिश भगवान सिंह ने वीडियो में बताया कि मुझे मारने के लिए पहले भी कोशिश की जाती रही है। मैंने बीयू यूनिवर्सिटी में की जाने वाली धांधली को लेकर नरेंद्र त्रिपाठी और जयश्री गायत्री फूड्स के मालिक की शिकायत की थी।
अब षडयंत्रकारी लोग दलित बच्ची को टूलकिट बनाकर मुझे क्राइम में धकेल रहे हैं। मुझे फंसाने की साजिश समय-समय की जाती है। भोपाल पुलिस के अधिकारियों को एसआईटी बनाना चाहिए। निष्पक्ष जांच कराई जाएगी तो सच सामने आ जाएगा।