यूरोप और पश्चिमी देश खतरे में, नई महाशक्तियों ने फेल कर दी रणनीति...फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो का कबूलनामा
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29-08-2023 02:08 PM
पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो इस समय एक बड़े डर के साए में जी रहे हैं। अपने एक भाषण में मैंक्रो ने पश्चिमी देशों को लेकर चेतावनी दी है। मैंक्रो ने कहा है कि कई यूरोपियन देश अब खतरे में है। उनकी मानें तो अब इन देशों का प्रभाव कमजोर पड़ता जा रहा है। मैंक्रो के इस बयान को उनका एक बड़ा कबूलनामा करार दिया जा रहा है। मैंक्रो का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में जी-20 सम्मेलन होने वाला है और इस दौरान कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत में होंगे। उनके ताजा बयान से इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि दुनिया में एक नई व्यवस्था मजबूत होने लगी है।
दुनिया में नई शक्तियां मैंक्रो को इस समय पश्चिमी देशों की एक प्रभावशाली आवाज माना जाता है। फ्रांस के राजदूतों को संबोधित करते हुए मैंक्रो ने चेतावनी दी कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से अब बड़ी शक्तियां सामने आ रही हैं। ऐसे में कई यूरोपियन और पश्चिमी देशों पर अपने प्रभाव को खोने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय विकास यूरोप के पक्ष में नहीं है। मैंक्रो ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि यूरोपियन देशों में अब पूंजी कम होती जा रही है और वैश्विक व्यापार में उनकी हिस्सेदारी में भी गिरावट आई है। मैंक्रो ने कहा कि कई शक्तियां अब खुद को आगे बढ़ा रही हैं और ऐसे में यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ ही साथ पश्चिमी देशों पर खतरा पैदा हो गया है। मैंक्रो ने कई देशों की बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर यह चिंता जाहिर की है।
ऊर्जा संकट से स्थिति जटिल मैंक्रो ने माना कि पश्चिम नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में महाशक्तियां उभर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रम और ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है। मैंक्रो के शब्दों में, 'मुझे लगता है कि अब अंतरराष्ट्रीय क्रम बहुत ज्यादा जटिल हो गया है। अब पश्चिम खासतौर पर हमारे यूरोप के कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया। ऐसे में हमें और समझदार होना होगा। इस संदर्भ में हमें बहुत ज्यादा निराशावादी नहीं होना है। साल 2008-2010 के बाद से यह बात और भी सच हो गई है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शक्तियों का ही नतीजा है कि वो अब खुद को थोपने लगी हैं।' मैंक्रो के मुताबिक ऊर्जा संकट ने इस क्रम को और मजबूत बना दिया है। यूरोप फॉसिल फ्यूल उत्पन्न नहीं करता है। उनकी मानें तो यह सारा खेल उस रणनीतिक को भी सामने लाता है जो यूरोप और पश्चिमी देश आगे बढ़ा रहे हैं। पश्चिमी देश सवालों के घेरे में
मैंक्रो ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में पश्चिम ने अभी तक एक मजबूत भूमिका निभाई है लेकिन अब वह सवालों के घेरे में है। मैंक्रो ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा रूस और चीन की तरफ था। यूक्रेन की जंग के बाद से ही दोनों देशों ने पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को मानने से इनकार कर रहे हैं। साथ ही ये दोनों देश अपना प्रभाव बढ़ाने में लगे हुए हैं। साथ ही ग्लोबल साउथ ने भी यूक्रेन जंग के समय से ही रूस पर पश्चिमी देशों का साथ देने से इनकार कर दिया है। भारत ने भी यूक्रेन जंग में पश्चिमी देशों की रणनीतियों को मानने से इनकार कर दिया है। पश्चिमी एशियाई देश जैसे सऊदी अरब भी अमेरिका और यूरोप की जगह चीन और रूस को तरजीह देने लगे हैं।
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