टेस्ला के CEO एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC में भारत की परमानेंट सदस्यता नहीं होने को बेतुका बताया है। मस्क ने कहा कुछ देशों के पास ज्यादा ताकत है, जिसे वो छोड़ना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने UN चीफ एंटोनियो गुटरेस के ट्वीट को शेयर कर ये बातें लिखीं। दरअसल, गुटरेस ने कहा था कि अफ्रीका का नेतृत्व करने के लिए UNSC में कोई भी नहीं है। वैश्विक संस्थाओं को समय के मुताबिक बदलना चाहिए। बजाए कि वो 80 साल पहले की दुनिया की तरह चलें।
भारत की आबादी सबसे ज्यादा
मस्क ने अपने ट्वीट में लिखा भारत धरती पर सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। इसके बावजूद UNSC में नहीं है। एक वक्त के बाद UN की संस्थाओं को बदलने की जरूरत है। मस्क ने अफ्रीका के लिए भी UNSC में भी परमानेंट सीट की मांग की है।
भारत UNSC में छठी परमानेंट सीट का सबसे मजबूत दावेदार
दुनिया की 17% आबादी भारत में रहती है। 142 करोड़ जनसंख्या के साथ भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी का देश है। UNSC में इतनी बड़ी आबादी का रिप्रेजेंटेशन होना जरूरी है।
पिछले एक दशक में भारत की औसतन सालाना विकास दर 7% से ज्यादा रही है। यह चीन के बाद किसी भी दूसरे बड़े देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। इस आर्थिक ताकत को UNSC में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भारत परमाणु शक्ति संपन्न है, लेकिन वो इसका दिखावा नहीं करता। अगर भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है तो परमाणु निरस्त्रीकरण प्रोग्राम में वह अहम भूमिका निभा सकता है।
इंटरनेशनल थिंक टैंक ‘अटलांटिक काउंसिल’ के सर्वे के मुताबिक यदि अगले एक दशक में UNSC का विस्तार होता है तो उसमें सबसे ज्यादा मौके भारत के लिए होंगे। एक्सपर्ट्स के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार, भारत के स्थायी सदस्य बनने की संभावना 26% रहेगी।
सबसे बड़ा रोड़ा चीन
UNSC के 5 परमानेंट मेंबर हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनमें 4 देश भारत का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चीन नहीं चाहता कि UN की सबसे ताकतवर बॉडी पर भारत को एंट्री मिले। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई भी प्रस्ताव पारित करने के लिए सभी 5 स्थायी देशों का समर्थन जरूरी है।
फ्रांस, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन अपनी सहमति जता चुके हैं, लेकिन चीन अलग-अलग बहानों से भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। जबकि भारत ने UNSC में चीन के परमानेंट मेंबर बनने का समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह UN की सबसे पावरफुल संस्था है। इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।
कुछ मामलों में UNSC अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने या बल उपयोग करने का सहारा ले सकती है। यानी अगर भारत भी UNSC का परमानेंट मेंबर बन गया तो दुनिया के किसी भी बड़े मसले पर उसकी सहमति जरूरी होगी।