दुनिया भर में 2024 शुरू होने का जश्न मनाया जा रहा है। लंदन में आतिशबाजी के साथ नए साल का स्वागत किया गया। टेम्स नदी के पास लाखों लोग जमा हुए। 12 हजार से ज्यादा पटाखे जलाए गए। यहां 600 ड्रोन और 430 लाइट्स का इस्तेमाल करते हुए एक शो हुआ। म्यूजिक पर डांस करते हुए लोगों ने जश्न मनाया।
वहीं, जापान में परंपरा के मुताबिक नए साल पर बौद्ध मंदिरों में 108 बार घंटी बजाईं। इसके लिए टोक्यो में त्सुकिजी मंदिर के बाहर हजारों लोग जमा हुए। इस दौरान लोगों को गर्म दूध और सूप दिया गया। लोग प्रार्थना करते भी नजर आए। अमेरिका, साउथ कोरिया, नॉर्थ कोरिया, जापान, मिस्र, साउथ अफ्रीका, ग्रीस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, ब्राजील में भी नए साल का जश्न मना।
चीन में वॉयलिन की धुन के साथ नया साल मनाया गया
चीन में लोगों ने जमी हुई झील पर नए साल का जश्न मनाया। बीजिंग में शिचाहाई झील ठंड की वजह से जम गई है यहां का तापमान जीरो डिग्री से माइनस 2 डिग्री के बीच पहुंच गया है।
चीन में नए साल के जश्न पर पटाखों पर लगे बैन के चलते लोगों ने अलग अंदाज में सेलिब्रेट किया। लोग फ्रोजन झील पर स्केटिंग और स्कीइंग करते नजर आए। वहीं, कुछ लोगों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर सड़कों पर डांस किया। साथ ही आसमान में स्काई लैंटर्न छोड़े।
पेरिस में मल्टीडायमेंशनल लाइट शो
पेरिस में आर्क डी ट्रायम्फ के ऊपर आतिशबाजी के साथ 2024 का स्वागत किया गया। यहां मल्टीडायमेंशनल लाइट शो हुआ। इसमें पेरिस का इतिहास दिखाया गया। इसे देखने लाखों लोग जमा हुए। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेरिस में 90 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
हॉन्गकॉन्ग में इतिहास की सबसे बड़ी आतिशबाजी
नए साल पर हॉन्गकॉन्ग में अब तक की सबसे बड़ी आतिशबाजी हुई। यहां ‘न्यू ईयर न्यू लीजेंड’ थीम पर 12 मिनट तक आतिशबाजी का इवेंट हुआ। इस दौरान हाईराइज बिल्डिंग्स की छतों से भी एकसाथ आतिशबाजी की गई।
सबसे पहले न्यूजीलैंड में आया 2024
कुछ देशों में भारत से कुछ घंटे पहले ही 2024 का वेलकम किया गया। भारतीय समय के मुताबिक, 31 दिसंबर की शाम 4:30 बजे न्यूजीलैंड में सबसे पहले नया साल मना। घड़ी का कांटा जैसे ही 12 के पार गया, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में स्काई टावर पर 10 सेकेंड के काउंट डाउन के बाद आतिशबाजी शुरू हुई। यह 5 मिनट चली। इसके लिए 6 महीने पहले से तैयारी की जा रही थी।
इसके 2 घंटे बाद ऑस्ट्रेलिया में न्यू ईयर सेलिब्रेशन शुरू हुआ। यहां सिडनी के हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाउस के पास भी ऑकलैंड के स्काई टॉवर जैसा नजारा देखने को मिला। हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाउस के पास 12 मिनट चली आतिशबाजी के दौरान 8.5 टन के पटाखे जलाए गए। इसकी प्लानिंग 15 महीने चली। यहां 10 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठे हुए।
31 दिसंबर को घड़ी में रात के 12 बजते ही, पूरी दुनिया नए साल का स्वागत करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 1 जनवरी को ही साल की शुरुआत क्यों होती है? इसकी वजह रोम साम्राज्य के तानाशाह जूलियस सीजर को माना जाता है।
सीजर ने भ्रष्टाचारी नेताओं को सबक सिखाने के लिए 2066 साल पहले कैलेंडर में बदलाव किए थे। इसके बाद से पूरी दुनिया ने 1 जनवरी को नया साल मनाना शुरू कर दिया।