इतना ही नहीं अडानी ग्रुप भी अब घरेलू बैंकों से लोन लेने पर ज्यादा जोर दे रहा है। इसकी वजह यह है कि विदेशी बैंकों की तुलना में भारत में कर्ज लेना आसान है। ग्रुप 8 से 9 परसेंट ब्याज पर लोन ले रहा है। उसकी कॉस्ट ऑफ बोरोइंग में काफी गिरावट आई है। पिछले एक साल में उसकी कॉस्ट ऑफ कैपिटल 100 बेसिस पॉइंट से अधिक गिरी है। बैंक रिन्यूएबल एनर्जी, रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रायोरिटी सेक्टर्स में आक्रामक तरीके से लोन दे रहे हैं और इसका फायदा भी अडानी ग्रुप को मिल रहा है।