डिपॉजिट आ नहीं रहा, कर्ज कहां से दे रहे बैंक, RBI ने शुरू की जांच
Updated on
26-06-2024 02:24 PM
नई दिल्ली: RBI बैंकों की स्पेशल ऑडिट कर रहा है। इसकी वजह ये है कि कई बैंक डिपॉजिट के अनुपात में कर्ज ज्यादा दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बैंकों की डिपॉजिट से ज्यादा कर्ज को देखते हुए RBI ने बैंकों के साथ विशेष ऑडिट की। इस ऑडिट में रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी कवरेज रेशो को बनाए रखने के लिए एलिजिबल सिक्योरिटीज की उनकी होल्डिंग्स को भी वेरिफाई किया है। सूत्रों के अनुसार RBI डिजिटल बैंकिंग चैनल्स से अचानक दिखाई दे रही डिपाजिट की निकासी से भी चितित है। एक एक्सपर्ट ने बताया कि RBI की यह कार्रवाई सेंट्रल बैंक की पूर्व में लिक्विडिटी की आशंकाओं के साथ मेल खाती है। गौरतलब है कि 2008 के ग्लोबल फाइनेंशल संकट के बाद बैंकों के लिए यह जरूरी कर दिया गया था कि उन्हें एक स्पेशिफाईड अमाउंट में गवर्मेट बॉन्ड रखने हैं, जिन्हें 30-दिनों के स्ट्रेस पीरियड को मैनेज करने और कैश आउटफ्लो होने पर जल्दी से बेचा जा सके।
बैंक कर रहे स्ट्रगल
एक बैंकर ने बताया कि डिपॉजिट पर अच्छी इंटरेस्ट रेट ऑफर करने के बाद भी बैंक्स फंड को जमा करने के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं। क्रेडिट डिमांड में तेज इजाफा हो रहा है। ऐसे में रिक्स मैनेज करने के लिए एक स्पेशिफाइड मैडेटरी डिपॉजिट अमाउंट अलग रखने की अनिवार्यता को लेकर सेंट्रल बैंक संजीदा है। ऐसे में या तो बैंक फंड रेज करने के लिए सिक्योरिटी इशू करें या डिपॉजिट रेट्स को बढ़ाएं। अगर ऐसा करते है तो बैंक के इंटरेस्ट मार्जिन पर अतिरिक्त दबाव आ रहा है।
क्या होता है सीडी रेशो
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार कर्मशल बैंकों का CD रेशो (credit-deposit ratio) बढ़ रहा है। CD रेशो बताता है कि बैंकों में जितना पैसा जमा किया जाता है, उसके सापेक्ष कितना पैसा बैंक लोन के रूप में बांट रहे हैं। मतलब है कि बैंकों में जमा कुल रकम के मुकाबले कितना लोन दिया गया है। मसलन, अगर आप किसी बैंक में कुल 1000 रुपये जमा हैं और उसने 70 रुपये लोन पर उठा रखे हैं तो उस बैंक का क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो 70 पर्सेंट कहलाएगा।
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