भारत और मुइज्जू सरकार में जारी विवाद के बीच मालदीव में चीनी पर्यटकों की संख्या भारतीयों से ज्यादा हो गई है। मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री ने सोमवार को पर्यटकों का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक मालदीव में 4 फरवरी तक आए पर्यटकों में सबसे ज्यादा चीन के 23,972 लोग रहे।
जबकि 2023 में मालदीव में चीनी पर्यटकों की तादाद तीसरे नंबर पर थी। वहीं, मालदीव में पिछले साल सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक गए थे, ये इस साल फरवरी तक पांचवें नंबर पर आ गए हैं। इस साल 16,536 भारतीय ही मालदीव घूमने गए हैं। यहां फरवरी तक कुल पर्यटकों में भारत की हिस्सेदारी 7.7% है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 11.2% हो गई।
PM मोदी 3 जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां की खूबसूरती से जुड़ी तस्वीरें शेयर कर कहा था- प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। इसके बाद लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना होने लगी। इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने PM मोदी और भारत के खिलाफ अपमान टिप्पणी की थी।
मुइज्जू ने चीन से कहा था- ज्यादा पर्यटक भेजिए
भारत पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा था। इस वक्त मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के दौरे पर थे। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक मालदीव भेजने की मांग की थी। मालदीव लौटने के बाद उन्होंने कहा था कि कोई देश उन्हें धमका नहीं सकता है।
मालदीव-भारत के बिगड़ते रिश्तें का सबसे ज्यादा नुकसान वहां की टूरिज्म इंडस्ट्री पर ही होगा। इस बीच मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री MATI ने मंगलवार को भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपने मंत्रियों की अपमानजनक बयानबाजी की आलोचना की थी।
MATI ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि भारत हमारा साझेदार है, मुसीबत के वक्त हमारी मदद के लिए सबसे पहले आगे आता है। मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री में भारत सबसे बड़ा सहयोगी है। हम चाहते हैं कि ये साझेदारी सदियों तक बनी रहे। हम हर उस एक्शन की कड़ी निंदा करते हैं जिससे दोनों देशों के संबंध बिगड़ सकते हैं।
जिनपिंग ने कहा था- मालदीव की आजादी की रक्षा करेंगे
भारत से विवाद के बीच चीन के राष्ट्रपति ने मालदीव से सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया था। शी जिनपिंग ने मालदीव को अपना पुराना साथी बताया था। शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन मालदीव के राष्ट्रीय हित में किए जा रहे विकास के एजेंडे में उनकी मदद करेगा।
मालदीव की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में चीन उनके साथ खड़ा है। दोनों देशों ने 20 अहम समझौते किए थे।
संसद में मुइज्जू का पहली भाषण, भारत का जिक्र
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने सोमवार को एक बार फिर भारत विरोध रुख दोहराया। उन्होंने भारत का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी देश को मालदीव की संप्रभुता में हस्तक्षेप करने या उसे कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुइज्जु ने कहा- भारत के साथ हुई बातचीत में तय हो गया है कि उनके सभी 80 भारतीय सैनिक 10 मई तक भारत लौट जाएंगे। देश में भारत के तीन एविएशन प्लेटफॉर्म हैं। इसमें से एक पर मौजूद सैनिक 10 मार्च तक भारत लौटेंगे। इसके बाद दो और प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारतीय सैनिक 10 मई तक अपने देश चले जाएंगे।
उन्होंने कहा- मालदीव भारत के साथ पानी पर रिसर्च करने वाले एग्रीमेंट को भी रिन्यू नहीं करेगा। हम किसी भी देश को हमारी संप्रभुता में हस्तक्षेप करने या उसे कमजोर करने की अनुमति नहीं देंगे।