चीन का इरादा अपने सीपीईसी परियोजना को काबुल तक पहुंचाया जाए। चीन ने अफगानिस्तान में कॉपर को निकालना शुरू कर दिया है। चीन कई आधारभूत ढांचे वाली परियोजनाओं को चलाना चाहता है। चीन साल 2013 तक सबसे ज्यादा विदेशी निवेश अफगानिस्तान में करता था। चीन अफगानिस्तान में यूं ही नहीं नजरें गड़ाए हुए है। उसका रणनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक लाभ कमाने का इरादा है। चीन को अफगानिस्तान से एक बड़ा डर आतंकवाद का है। उसे ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट से खतरा सता रहा है जो उइगर इलाके में सक्रिय हैं।