एफजे ने यह भी कहा कि इमरान खान के समय में चीन के साथ रिश्ते को भी बड़ा झटका लगा था। उन्होंने कहा कि ऊपर से तो चीन और पाकिस्तान के बीच बहुत करीबी दोस्ती दिखती थी लेकिन असलियत में दोनों के बीच रिश्ते काफी असहज बने हुए थे। इसके कई कारण थे जिसमें पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमला और चीनी कर्ज जाल शामिल था। इसके अलावा अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापस जाने के बाद से ही पाकिस्तान का रणनीतिक महत्व भी कम हो गया है। वहीं चीन, ईरान और भारत ने खुद ही तालिबान के साथ रिश्ते मजबूत करना शुरू कर दिया है। इससे पाकिस्तान अब अलग थलग हो गया है।