Select Date:

फ्रांस में फिर गठबंधन सरकार के आसार:वामपंथी गठबंधन को सबसे ज्यादा 182 सीटें

Updated on 09-07-2024 01:33 PM

फ्रांस में रविवार को हुए संसदीय चुनाव के नतीजों में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की रेनेसां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया कि कुल 577 सीटों में से वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) गठबंधन को 182 सीटें मिलीं। दूसरे नंबर पर रेनेसां पार्टी रही। इसे 163 सीटें मिलीं। वहीं, दक्षिणपंथी नेशनल रैली (NR) गठबंधन को 143 सीट हासिल करने में कामयाब रही।

नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 289 सीटें जीतना जरूरी है। ऐसे में अब किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि अब पार्टियां गठबंधन के सहारे बहुमत पाने कि कोशिश करेगी।

हार की जिम्मेदारी लेते हुए रविवार को प्रधानमंत्री गैब्रियल अट्टल ने कहा कि वे सोमवार को राष्ट्रपति मैक्रों को इस्तीफा सौंप देंगे। इसके अलावा जब तक कोई नया प्रधानमंत्री नहीं बन जाता तब तक वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

नतीजों के बाद हिंसा भड़की
संसदीय चुनाव में शुरुआती नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई। दक्षिणपंथी नेशनल रैली (NR) के लोग सड़क पर आ गए और प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान पुलिस ने सेंट्रल पेरिस में लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

दरअसल इससे पहले 30 जून को हुए चुनाव हुआ था। इसमें दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (NR) को सबसे ज्यादा 35.15% वोट मिले, जिसके बाद अनुमान था कि पार्टी को 230-280 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन आज आए नतीजों में इसका उल्टा हुआ।

कैसे हारी मरीन ली पेन की नेशनल रैली?

फ्रांस में अति दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली को रोकने के लिए दूसरे चरण के चुनाव में मैक्रों की रेनेसां पार्टी और उसमें शामिल गठबंधन दलों (इनसेंबल) और वामपंथी पार्टी न्यू पॉपुलर फ्रंट ने गठबंधन कर लिया था। इसके तहत दोनों दोनों समूहों ने 217 उम्मीदवारों को मैदान से हटा दिया था।

फ्रांस के चुनाव में पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 12.5% वोट मिला हो तो वह दूसरे चरण में लड़ सकता है। ऐसे में इस गठबंधन ने एक स्ट्रैटजी के तहत तीसरे नंबर पर रहे उम्मीदवार को हटा दिया। आसान भाषा में कहें तो मैक्रां गठबंधन या फिर न्यू पॉपुलर फ्रंट जो भी तीसरे नंबर पर रहा उसे हटा दिया गया। इस तरह वामपंथी गठबंधन और मैक्रां की मध्यममार्गी पार्टी का वोट एक-दूसरे को शिफ्ट हो गया।

राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले संसद भंग की थी
फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले इसी महीने संसद भंग कर दी थी। दरअसल, मैक्रों सरकार गठबंधन के सहारे चल रही थी। उनके गठबंधन के पास सिर्फ 250 सीटें थीं और हर बार कानून पारित करने के लिए उन्हें अन्य दलों से समर्थन जुटाना पड़ता था।

अब रविवार को मिली हार के बाद भी मैक्रों को किसी भी नए बिल के लिए अन्य दलों से समर्थन जुटाना पडेगा।

हार के बाद भी पद पर बने रहेंगे मैक्रों
नेशनल असेंबली के चुनाव में मैक्रों की रेनेसां पार्टी हार चुकी है, लेकिन मैक्रों पद पर बने रहेंगे। मैक्रों ने पहले ही कह दिया है कि चाहे कोई भी जीत जाए वे राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दरअसल, यूरोपीय संघ के चुनाव में हार के बाद अगर मैक्रों की पार्टी संसद में भी हार जाती है तो उन पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव बन सकता है। इसलिए मैक्रों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे अपना पद नहीं छोड़ेंगे।

फ्रांस में राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली के चुनाव अलग-अलग होते हैं। ऐसे में अगर किसी पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है तो भी राष्ट्रपति चुनाव में उस पार्टी का लीडर जीत हासिल कर सकता है। 2022 के चुनाव में इमैनुएल मैक्रों के साथ भी यही हुआ था। वे राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए थे, लेकिन नेशनल असेंबली में उनके गठबंधन को बहुमत नहीं मिला था।

फ्रांस में चुनाव की प्रक्रिया
भारत की तरह फ्रांस में भी संसद के 2 सदन हैं। संसद के उच्च सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है। नेशनल असेंबली के मेंबर को आम जनता, जबकि सीनेट को सदस्यों को नेशनल असेंबली के सदस्य और अधिकारी मिलकर चुनते हैं।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 04 November 2024
कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों…
 04 November 2024
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के पास 155 MM ट्रक-माउंटेड होवित्जर तोपों समेत दूसरे हथियारों की टेस्टिंग की है। हालांकि, ये टेस्टिंग कब हुई इसकी जानकारी अभी…
 04 November 2024
स्पेन में बाढ़ प्रभावित वेलेंसिया इलाके का दौरा करने गए किंग फिलिप और उनकी पत्नी क्वीन लेटिजिया पर लोगों ने कीचड़ फेंका। BBC के मुताबिक वहां मौजूद लोगों ने ‘हत्यारे’…
 04 November 2024
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से 2 दिन पहले एक गिलहरी चुनावी कैंपेन में चर्चा का विषय बन गई है। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुई 'पीनट' नाम की गिलहरी को…
 02 November 2024
कनाडा की जासूसी एजेंसी कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (CSE) ने खतरा पैदा करने वाले देशों की सूची में भारत को शामिल किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पहली बार है,…
 02 November 2024
अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर रूस को डिफेंस से जुड़ा सामान उपलब्ध कराए जाने के आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाए हैं। इन पर भारत ने शनिवार को सफाई दी…
 02 November 2024
भारत ने शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आरोप लगाने के लिए कनाडाई उच्चायोग को तलब किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को कहा कि हमने…
 02 November 2024
8 सितंबर 1960 की बात है। डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन एफ कैनेडी कैंपेन के लिए अमेरिका के ओरेगन राज्य पहुंचे। यहां समर्थकों ने उन्हें घेर लिया।अपने…
 01 November 2024
फेस्टिवल ऑफ लाइट्स यानी दिवाली के त्योहार को लेकर भारत समेत दुनिया भर में जश्न मनाया गया। इस दौरान दुनिया के प्रमुख नेताओं ने दिवाली का त्योहार मनाया और शुभकामनाएं…
Advertisement