कनाडा के सबसे अमीर भारतीय जो ट्रूडो के सामने ही गाड़ रहे सफलता के झंडे, दौलत जानकर रह जाएंगे हैरान
Updated on
17-10-2024 01:39 PM
ओट्टावा: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच शुरू हुआ कूटनीतिक विवाद पिछले सप्ताह चरम पर पहुंच गया। दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया है और एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं। संबंधों में उस समय कड़वाहट आ गई, जब सोमवार को कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को अपनी धरती पर सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ा।
भारत ने आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया और इसे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की 'वोट बैंक की राजनीति' का हिस्सा बताया। कनाडा और भारत के बीच हम उन भारतवंशी कनाडाई नागरिकों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने कनाडा में रहते हुए जमकर कामयाबी पाई है। इन भारतवंशियों की कहानी कनाडा में सफलता के शिखर पर पहुंचने की शानदार मिसाल है।
कौन है कनाडा में सबसे अमीर भारतीय?
बिल मल्होत्रा को इस समय कनाडा में रहने वाले सबसे अमीर भारतीयों में से एक माना जाता है। फोर्ब्स के अनुसार, 75 वर्षीय मल्होत्रा की रियल टाइम कुल संपत्ति 2.1 अरब डॉलर (लगभग 176,467,101,300 रुपये) आंकी गई है। फोर्ब्स की रियल-टाइम अरबपतियों की सूची में 16 अक्तूबर 2024 को उनका स्थान 1620वां था।
22 साल की उम्र में पहुंचे कनाडा
भारत में पैदा हुए बिल मल्होत्रा ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) पिलानी से सिविल इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी। साल 1971 में वह 22 साल की उम्र में कनाडा पहुंचे और एक इंजिनियरिंग फर्म में नौकरी शुरू की। उन्होंने 1986 में क्लेरिज होम्स नाम से कंपनी की स्थापना की, जो आज ओटावा में सबसे बड़े रीयल एस्टेट डेवलपर्स में से एक है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के प्रोजेक्ट में ओटावा की सबसे ऊंची इमारत क्लेरिज आइकन (469 फीट) शामिल है।
प्रेम वत्स ने भी गाड़े सफलता के झंडे
फोर्ब्स रैंकिंग में मल्होत्रा के बाद वी प्रेम वत्स कनाडा में दूसरे सबसे अमीर भारतवंशी हैं। रियल टाइम वर्ल्ड रैंकिंग में वे 1702वें स्थान पर हैं। वत्स की रीयल टाइम नेट वर्थ 2 अरब डॉलर (1,68,06,01,65,600 रुपये) है। भारत के हैदराबाद में जन्मे आईआईटी चेन्नई से केमिकल इंजिनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने कनाडा वेस्टर्न ओंटारियो यूनिवर्सिटी के एमबीए प्रोग्राम में दाखिला लिया।
उन्होंने पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए घर-घर जाकर सामान बेचा। वत्स ने इनवेस्टमेंट एनालिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की। 1985 में उन्होंने टोरंटो स्थित फर्म फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स की स्थापना की और तब से इसके अध्यक्ष और सीईओ बने हुए हैं।
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