हिंदूफोबिया के खिलाफ हैं ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, भारत को क्यों होगा फायदा, जानें
Updated on
06-07-2024 01:32 PM
लंदन: ब्रिटिश चुनाव में लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने ऋषि सुनक को हरा दिया है। एक्सपर्ट्स इसे भारत के लिए अच्छी खबर मान रहे हैं, क्योंकि कीर एक भारत-विरोधी नेता नहीं हैं। इस चुनाव में जीत के लिए स्टार्मर ने लेबर पार्टी को जेरेमी कॉर्बिन युग से बाहर निकाल लिया है। कॉर्बिन के समय लेबर पार्टी की छवि कई समूहों को अलग-थलग करने वाली रही है। इसमें हिंदू, यहूदी, श्वेत और वर्किंग क्लास शामिल थे। 2019 में लेबर पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। एक समूह जो कॉर्बिन के समय से परेशान था वह हिंदू थे जो पारंपरिक श्रमिक मतदाता भी थे। जेरेनी कॉर्बिन के समय लेबर पार्टी की छवि एक हिंदू विरोधी की बन गई थी।
लेकिन शायद कॉर्बिन की सबसे बड़ी गलती दुर्भाग्यपूर्ण कश्मीर घोषणा थी। इसमें लेबर पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें घोषणा की गई कि क्षेत्र में मानवीय संकट है और दावा किया कि कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार है। हालांकि कॉर्बिन बाद में स्पष्टीकरण देते रहे, लेकिन भारतीय समुदाय से उन्हें माफी नहीं मिली। इन्हीं कारणों से लेबर पार्टी को एक भारत विरोधी दल के रूप में देखा जाता रहा। 2019 में पार्टी नेता राजेश अग्रवाल ने कहा, 'लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के सह-अध्यक्ष के रूप में, मैं स्पष्ट हूं कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का मामला भारतीय संसद का है। इसमें हस्तक्षेप करना ब्रिटेन या लेबर पार्टी का काम नहीं।'
भारत विरोधी मानी जाती थी लेबर पार्टी
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यही वह समय था, जब प्रवासी भारतीयों ने कंजर्वेटिव पार्टी की ओर रुख करना शुरू कर दिया था। 2021 की जनगणना के मुताबिक ब्रिटेन में 18 लाख ब्रिटिश भारतीय हैं, जिनमें से लगभग 10 लाख हिंदू हैं। ब्रिटिश हिंदू इंडियन वोट्स मैटर नामक एक समूह आया, जिसने लेबर पार्टी की 'भारत-विरोधी' और 'हिंदू-विरोधी' भावना के खिलाफ प्रचार किया। हालांकि जब से कीर स्टार्मर ने जेरेमी कॉर्बिन की जगह ली उन्होंने भारतीय ब्रिटिश और हिंदुओं से रिश्ते सुधारने शुरू किया। उन्होंने लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साथ एक बैठक में कहा था, 'भारत में कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मामला है और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के लिए एक द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसे शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहिए।'
भारत से संबंध सुधारेंगे स्टार्मर
अपने चुनावी अभियान के दौरान स्टार्मर जोर देते रहे कि भारत से वह संबंध खराब नहीं करेंगे। 2024 के लेबर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी, जिसमें एक मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना शामिल है। इंडिया ग्लोबल फोरम में स्टार्मर ने कहा था मैं साफ कहना चाहुंगा कि अब लेबर पार्टी बदल गई है। मेरी लेबर सरकार भारत के साथ लोकतंत्र और आकांक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध तलाशेगी। वह एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की तलाश करेगी। लेबर पार्टी को हमेशा एक एंटी इंडिया और पाकिस्तान समर्थक पार्टी के तौर पर देखा जाता है।
ब्रिटेन में हिंदूफोबिया की जगह नहीं
लेबर पार्टी की हिंदू विरोधी छवि को भी खत्म करने के लिए स्टार्मर ने मेहनत की। चुनाव से पहले, किंग्सबरी में श्री स्वामीनारायण मंदिर का दौरा किया। उन्होंने यहां कहा कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया की कोई जगह नहीं है और लेबर पार्टी भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी बनाएगा। यहां उन्होंने अपनी स्पीच जय स्वामीनारायण से शुरू की और समृद्ध हिंदू विरासत और ब्रिटेन के भविष्य के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए ब्रिटिश हिंदुओं की प्रशंसा की। उन्होंने वादा किया था, 'अगर हम चुने जाते हैं तो हम अपनी सरकार को सेवा भाव से चलाएंगे, हिंदू मूल्यों से मजबूत होकर। आप न केवल हमारी अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदान दे रहे हैं, बल्कि आप नवाचार और विशेषज्ञता भी ला रहे हैं।'
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