अमेरिका में नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर आमने-सामने होंगे। दोनों अपनी-अपनी पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार चुने गए हैं।
बाइडेन और ट्रम्प को पार्टी डेलिगेट्स का समर्थन मिल गया है। रिपब्लिकन पार्टी का प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने के लिए ट्रम्प को 1,215 डेलिगेट्स का समर्थन जरूरी था। उन्हें 1,228 डेलिगेट्स का समर्थन मिला। वहीं, बाइडेन को डेमोक्रेटिक पार्टी से कैंडिडेट बनने के लिए कुल 1,969 वोट चाहिए थे। उन्हें 2,107 वोट मिले।
बाइडेन ने कहा- हम आजादी को चुनने का अधिकार बहाल करेंगे
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बाइडेन ने कहा- मतदाताओं के पास अब इस देश के भविष्य के बारे में निर्णय लेने का विकल्प है। हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। दूसरों को इसे तोड़ने नहीं देंगे। हम अपनी आजादी को चुनने और उसकी रक्षा करने का अधिकार बहाल करेंगे। चरमपंथी यह हक छीन नहीं सकते।
ट्रम्प बोले- जीता तो दंगाई समर्थकों को रिहा करूंगा
उम्मीदवार चुने जाने से एक दिन पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अगर वो 2024 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो संसद पर हमले के आरोपी अपने सभी समर्थकों को रिहा करेंगे।
6 जनवरी 2021 को प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में जो बाइडेन ने ट्रम्प को हराया था। इसके बाद ट्रम्प ने इलेक्शन में धांधली का आरोप लगाया था। ट्रम्प के हजारों समर्थकों ने संसद पर हमला बोल दिया था। 1358 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।
ट्रम्प का रिपब्लिकन कैंडिडेट बनना तय था
राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए रिपब्लिकन पार्टी से निक्की हेली, ट्रम्प को चुनौती दे रही थीं। पिछले हफ्ते 15 राज्यों में वोटिंग हुई। इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से सभी 15 सीटों पर बाइडेन की जीत हुई। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 14 सीटों पर ट्रम्प जीते।
ट्रम्प ने भारतवंशी निक्की हेली को हराया। हेली सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल कर पाईं। इसके बाद अब उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार की दावेदारी से नाम वापस लेने का फैसला किया। निक्की हेली दूसरी भारतवंशी कैंडिडेट हैं जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी की रेस से बाहर हो गईं। इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी के विवेक रामास्वामी ने शुरुआती चुनाव हारने के बाद उम्मीदवारी से नाम वापस ले लिया था।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए भी चुनाव
अमेरिका में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के चुनाव होते हैं। दोनों पार्टियां प्राइमरी और कॉकस इलेक्शन के जरिए प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट सिलेक्ट करती हैं।
प्राइमरी इलेक्शन को राज्य सरकार कराती है। वहीं, कॉकस पार्टी का अपना इवेंट होता है। प्राइमरी इलेक्शन में बिल्कुल वही वोटिंग प्रोसेस होता है, जो आम चुनाव में अपनाया जाता है। इस दौरान एक पार्टी का कार्यकर्ता दूसरी पार्टी के चुनाव में भी वोट डाल सकता है।
वहीं, कॉकस में एक रूम या हॉल में बैठकर पार्टी के प्रतिनिधि हाथ उठाकर या पर्ची डालकर वोटिंग कर सकते हैं। पार्टी की ही एक टीम ऑब्जर्वर की तरह काम करती है।