नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ कथित रेप व हत्या के मामले में दिल्ली में भी प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने 'राइट टू लाइफ' का तर्क देते हुए, दलित समुदाय के लिए बंदूकों की मांग की है। चन्द्रशेखर ने कहा कि हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार में खुद की रक्षा करना भी शामिल है।
ऐसे में खुद के बचाव के लिए दलित समुदाय को 50 प्रतिशत सब्सिडी में बंदूकें सरकार को देनी चाहिए। हाथरस की दलित पीड़िता को न्याय की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जा रहा है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्विटर पर कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार प्रदान करता है, जिसमें खुद का बचाव करने का अधिकार शामिल है। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि देश के 20 लाख बहुजनों को तुरंत बंदूक लाइसेंस दिए जाएं। सरकार को बंदूक खरीदने के लिए हमें 50% सब्सिडी प्रदान करनी चाहिए। हम अपना बचाव खुद करेंगे।
बंदूक लाइसेंस की मांग करते हुए, दलित कार्यकर्ता सूरज येंगड़े ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 का हवाला दिया, जो राज्य सरकार को व्यक्ति और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हथियार लाइसेंस प्रदान करने का अधिकार देता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आजाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए, कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा मेरा मानना है कि हमें गांधीवादी दर्शन से अपने लिए रास्ता तलाशना होगा।
अहिंसा ही आपको अन्याय के खिलाफ लड़ाई जीतने में मदद करेगी। भाजपा नेता और सांसद राकेश सिन्हा ने कहा भारतीय संविधान और हमारी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार नागरिकों के संरक्षण के लिए विवेकपूर्ण और प्रभावी रूप से प्रतिबद्ध है। ऐसे सुझाव और मांगें (बंदूकों के लिए) हास्यास्पद रूप से सिर्फ नौटंकी के लिए तैयार की जाती हैं। इस बीच, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को लिखे पत्र में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पीड़ित के परिवार के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कवर की मांग की है।